जुम्मा जुम्मा 4 दिन मंत्री बने हुए नहीं कि ,मनमानी और सरकार के धन पर ऐश शुरू हो गई हैं।
उत्तराखंड की जनता कोविड-19 के कहर से त्राहि-त्राहि कर रही है। हजारों परिवारों ने अपनों को खो दिया हैं।
विगत 7 मई को कैबिनेट दर्जा प्राप्त मंत्री गणेश जोशी ने , विश्व हिंदू परिषद के एक नेता को चंपावत से सरकारी हेली सेवा में ढोने के लिए पूरा सरकारी कार्यक्रम ही बना डाला ।
यही नहीं कैबिनेट मंत्री विशन सिंह चुफाल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
विश्व हिंदू परिषद के एक नेता को एयरलिफ्ट करने के लिए मंत्री गणेश जोशी ने सरकारी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया।जिसे लेकर कांग्रेस ने मंत्री के 5 मिनट के चंपावत दौरे पर उठाए सवाल।
विश्व हिंदू परिषद के नेता को AIIMS ऋषिकेश में छोड़ा और मंत्री जी वापस देहरादून लौट गए?इससे पूर्व इसी मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद मंत्री को भी ड्रॉप किया गया था ।राज्य मंत्री यतीश्वरानंद उन्हें चॉपर से रीठा साहिब आश्रम छोड़ने आए थे।
बड़े सवाल यह है कि, आखिर एक विश्व हिंदू परिषद के एक नेता के लिए यह दौरा क्यों हुआ?पीपीई किट पहन कर हेलीकॉप्टर में क्यों सवार हुए विश्व हिंदू परिषद नेता?
साथ ही मंत्री गणेश जोशी ने पीपीई किट क्यों पहनी थी? यह सवाल उठने लाजिमी है।
उत्तराखंड की सरकारी हवाई सेवाएं , अब भारतीय जनता पार्टी के संगठन से जुड़े लोगों को ढोने के लिए उपयोग में लाई जा रही है।
तीरथ सिंह रावत की सरकार में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी सरकारी हेलीकॉप्टर से संगठन के लोगों के साथ ढोने का कार्य कर चुके हैं। जिस पर बड़ा हो हल्ला हुआ था ,बाद में तीरथ सिंह रावत को सफाई देनी पड़ी थी।
सरकार के जिम्मेदार मंत्री इस तरह नियमों और प्रोटोकॉल के विरुद्ध सरकार के धन का दुरुपयोग करेंगे तो तीरथ सिंह रावत सरकार के कामकाज पर सवाल उठने स्वाभाविक है, क्योंकि यह समय जनता को कोविड-19 के बड़े संकट से उबारने का है।तीरथ सिंह रावत सरकार को , त्रिवेंद्र सिंह रावत से बेहतर सिद्ध करना भी जरूरी है।