किच्छा में जमकर उड़ रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां। कर्फ्यू के दौरान भी खुल रहीं दुकानें
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा के कुछ दुकानदार प्रशासन को बार-बार मुँह चिढ़ाते नजर आ रहे है। जिस तरह राज्य में लगातार कोरोना केस में इजाफा होता जा रहा है, तो वही प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है। बावजूद इसके शहर के कुछ दुकानदार लगातार दुकाने आधा शटर बंद करकर दुकानदारी कर रहे है। यही नहीं पुलिस प्रशासन को भी बराबर इनकी शिकायत मिल रही है और व्यापारी नेताओं को भी इस बात का पता है। बावजूद इसके कोई भी यहां किसी प्रकार का सख्त एक्शन नहीं ले पा रहा है। क्योंकि व्यापारी नेताओं को अपने वोट बैंक की फिक्र है, तो शायद प्रशासन को किसी बड़े आदेश की। इसलिए ही हलात ऐसे है कि, शहर में प्रतिदिन भीड़ देखने को मिल रही है।
कुछ दुकानदार महिला ग्राहको को भी दुकान के अंदर करके अंदर से शटर बंद करके समान देने मे व्यस्त है।
यही नहीं अगर कोई मीडिया कर्मी इन बातो को कवरेज करके प्रशासन तक इस खबर को पहुँचता है तो उसको मारने की धमकी देने में भी यह दुकानदार पीछे नहीं हट रहे है। ऐसा लग रहा है कि, मानो इनको कोरोना के खिलाफ कोई ब्रह्मास्त्र मिल गया हो। आप सबने एक लाइन तो बहुत सुनी होंगी जो यहां के दुकानदारों पर एकदम सटीक बैठती है। ‘ना बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपया’।
इन दुकानदारों को न अपनी जान की परवाह है न दुसरो की पर क्या यह सब ऐसे ही चलता रहेगा। अगर ऐसे ही शहर मे चलना है तो प्रशासन को चाहिए की या तो यहां का पूरा बजार खुलवा दें या फिर सब पर बराबर की नियमानुसार सख्ती करें। क्योंकि जो दुकानदार अपनी दुकाने बंद करकर बैठे है, वह भी अब दुकाने खोलने की बात कर रहे है यहां हलात बहुत बार टकराव वाले बन जा रहे है। इसी क्रम में आज फिर कुछ दुकानदारों ने पत्रकारों को घेरा तो कुछ ने मारने का भी प्लान बना लिया है। यदि ऐसा कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होंगी। क्योंकि जो लोग इन खबरों की कवरेज कर प्रशासन का सहयोग कर रहे यदि इनके साथ ही कुछ गलत घटना घटती है तो यह गलत होगा। फिलहाल अभी तक धमकी वाली घटना की जानकारी प्रशासन को नहीं दी गयी है।
लेकिन जो हाल किच्छा के बजार के है, वह यदि ऐसे ही रहे तो यहाँ कोरोना बम जल्द ही फूट सकता है। प्रशासन को चाहिए की वह बजार मे सख्त रूख अपनाये। ताकि यहां हलात भद्द से भत्तर ना हो।