शर्मसार: कोविड शव को तीन किलोमीटर पहुंचाने का 80 हजार किराया। एम्बुलेंस सीज, मुकदमा दर्ज

कोविड शव को तीन किलोमीटर पहुंचाने का 80 हजार किराया। एंबुलेंस सीज, मुकदमा दर्ज

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। देशभर में कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। कई लोग इसमें अपनी जान भी गवां रहे हैं। मगर धर्मनगरी में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर एक एम्बुलेंस चालक ने कोविड शव को महज तीन किलोमीटर ले जाने के लिए 80 हजार रुपये वसूलने की कोशिश की। लेकिन ऐन मौके पर एसडीएम के पहुंचने से इस वसूली का भांडा फुट गया। इस मामले में एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए एंबुलस को सीज करने के साथ ही मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए।

बता दें कि, नील धारा शमशान घाट पर मनमाना किराया वसूलने का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको चोंका दिया। भेल के सेवा निवृत्त एजीएम की कोरोना से मौत हो गयी थी। उनके साथ अस्पताल में उनकी पत्नी थी, उनका बेटा अमेरिका से हरिद्वार के लिए चल दिया था। जिसे शनिवार सुबह हरिद्वार पहुंचना था। दो दिन शव को रखने की दिक्कत थी, जिसके लिए फ्रीजर वाली एम्बुलेंस से बात की गई। जिसने महिला की मजबूरी को भांप लिया और शव को रखने तथा नील धारा शमशान तक छोड़ने का किराया 80 हजार बताया। मजबूर महिला ने हां कर दी।

शनिवार दोपहर बेटे के पहुंचने पर शव को लेकर शमशान घाट ले जाया गया। इलाके का निरीक्षण कर रहे एसडीएम ने परेशान परिजनों से एम्बुलेंस का किराया पूछ लिया तो भारी मन से उन्होंने किराया 80 हजार बयाया। जिसे सुनने के बाद एडीएम ने तत्काल एआरटीओ को मौके पर बुलाया और एम्बुलेंस को सीज करने के साथ संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिये। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान का कहना है कि, इस समय मे 80 हजार किराए को किसी भी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे समय मे लोगों से इस तरह पैसे वसूलने पर अब प्रशासन की नजर है और ऐसा कार्य करने वाले पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि, मानवता को शर्मसार करने वाले इस मामले में एसडीएम द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए एंबुलेंस को सील किया गया और साथ ही उनके द्वारा आदेश दिया गया कि, इस मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाए। एसडीएम द्वारा साफ निर्देश दिए गए हैं कि, अगर इस तरह का कोई भी मनमाना किराया वसूलता है तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।