कुम्भ का आखरी शाही स्नान सकुशल सम्पन्न। मेला प्रशासन और पुलिस ने ली राहत की सांस
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुंभ मेले का आज आखिरी शाही स्नान संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से किया गया। सन्यासी अखाड़ा के कुछ साधु संत अखाड़े से हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड शाही स्नान करने पहुंचे। वही बैरागी अखाड़ों और वैष्णो संप्रदाय के तीनों अखाड़ों ने भी भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार आखिरी शाही स्नान किया और काफी कम संख्या में उनके साधु संत हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचे। सबसे पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने शाही स्नान किया, उसके बाद हर की पौड़ी पर जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर अखाड़े के साधु संत पहुंचे। तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी अटल अखाड़े ने शाही स्नान किया। इसके बाद तीनों बैरागी अखाड़ों ने हर की पौड़ी पर पहुंचकर मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। आखरी में वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े निर्मल, पंचायती अखाड़ा, बड़ा उदासीन पंचायती और श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन ने हर की पौड़ी पर कुंभ का आखिरी शाही स्नान किया। साधु संतो द्वारा कोरोना को देखते हुए माक्स भी लगाया गया और लोगों को जागरुक करने के लिए उनके द्वारा अपील भी की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद सन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया गया और काफी कम संख्या में अखाड़ों के साधु संत हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड स्नान करने पहुंचे। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि, निरंजनी और आनंद अखाड़े ने शाही रूप से स्नान नहीं किया है। हमारे द्वारा सांस्कृतिक स्नान किया गया है। दोनों अखाड़े से हमारे 27 साधु संतो ने ही स्नान किया है और सोसल डिस्टेंस भी बना कर रखा। हम सब से अपील करते हैं कि, कोरोना को देखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन करें और माक्स लगाकर रखें।
अग्नि अखाड़े के श्री महंत साधनानंद का कहना है कि, आज कुंभ का अंतिम शाही स्नान है। मगर पर्व स्नान बहुत है आज शाही स्नान में सभी तेरह अखाड़ों ने भाग लिया भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ को दिव्य भव्य रुप से मना रहे हैं। वही किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि, कोरोना महामारी के कारण कुंभ की भव्यता में काफी कमी आई है और हम आशा करते हैं जल्द ही कोरोना खत्म हो जाए पूरे देश में जिस तरह की समस्या चल रही है उसे देखकर काफी दुख हो रहा है।
मेला प्रशासन और पुलिस के लिए आखिरी शाही स्नान को सकुशल संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती थी। क्योंकि हरिद्वार जिले में बड़े पैमाने पर कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है। मेला प्रशासन ने भी काफी राहत की सांस ली, क्योंकि सभी अखाड़ों द्वारा काफी कम संख्या में आज कुंभ का आखिरी शाही स्नान किया। कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि, आज कुंभ मेले का अंतिम शाही स्नान है, प्रधानमंत्री ने भी सभी अखाड़ों से अपील की थी कि, कोरोना का प्रकोप काफी ज्यादा है इस कारण कुंभ के शाही स्नान को प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाए। हमारे द्वारा सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि से वार्ता की गई थी और आज कुंभ के आखिरी शाही स्नान पर सूक्ष्म रूप से अखाड़ों द्वारा स्नान किया गया। साधु संतों द्वारा भी एक अच्छी पहल की गई। कुंभ को सकुशल संपन्न कराना हमारे लिए काफी बड़ी चुनौती थी।
वही कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि,उनके आखिरी स्नान पर सभी तेरह अखाड़ों द्वारा स्नान किया गया। सबसे खास बात रही कि, सभी अखाड़ों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया। साधु संतों द्वारा माक्स भी लगाया गया। सन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया गया और काफी कम संख्या साधु-संतों की रही। संजय गुंज्याल का कहना है कि, कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। पुलिस के लिए काफी चुनौती थी। क्योंकि पुलिस के जवानों पर भी कोरोना का खतरा है। ऐसी विषम परिस्थिति में कार्य करना काफी मुश्किल रहा। आज के शाही स्नान के बाद कुंभ के समापन की घोषणा हो जाती है। राज्य सरकार द्वारा जारी किये गए नोटिफिकेशन के अनुसार 30 अप्रैल को कुंभ समाप्त किया जाएगा। उसके बाद सभी अखाड़ों के साधु संत अपने-अपने मूल निवास के लिए जाना शुरु कर देंगे।