देव डोलियों ने प्रतीकात्मक रूप से किया गंगा स्नान। हर की पौड़ी का अद्भुत हुआ नजारा
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुंभ मेले में स्नान करने के लिए देवभूमि उत्तराखंड के चार देव स्थानों से देव डोलियां हरिद्वार पहुंची। चारो देव डोलियों को हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान कराया गया। कुंभ मेला प्रतीकात्मक होने और कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण सिर्फ चार देव डोलिया ही स्नान के लिए हरिद्वार पहुंची हैं। मगर उसके बावजूद भी हर की पौड़ी का नजारा अलग ही देखने को मिला और जब देव डोलियों का जागर किया गया तो वहां मौजूद लोग भक्ति में हो गए और देव डोलियों के साथ झूमने लगे।
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद सिर्फ चार ही देव डोलिया हरिद्वार गंगा स्नान करने पहुंची। धारी देवी, सुरकंडा माता, भद्रकाली और घड़ियाल देवता ने ही मां गंगा में स्नान किया। देवभूमि संस्कृति विरासत शोभायात्रा समिति द्वारा देव डोलियों को हरिद्वार गंगा स्नान करने लाया गया समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह रावत गांव वासी का कहना है कि, सनातन परंपरा विश्व में सर्वोपरि है उत्तराखंड की देव संस्कृति देव डोलिया है। हमारे द्वारा देव डोलियों को 2010 के कुंभ में और 2016 के अर्ध कुंभ में गंगा स्नान कराया गया था। अब 2021 के कुंभ में भी देव डोलियों को गंगा स्नान कराया गया। मगर कोरोना महामारी के कारण प्रतीकात्मक रूप से देव डोलियों को गंगा स्नान कराया गया। देव डोलियों के माध्यम से हमारे द्वारा एक संदेश दिया गया कि, हमारे मठ मंदिर सुरक्षित रहे और 12 महीने का तीर्थाटन चले इसे उत्तराखंड के लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी और अपनी संस्कृति के बारे में लोग जान भी सकेंगे। आज देव डोलियों का गंगा स्नान का कार्यक्रम उत्तराखंड सरकार के सहयोग से संपन्न हुआ है।
देव डोलियों का स्वागत करने पहुंचे कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि उत्तराखंड की संस्कृति में इस तरह के आयोजन काफी सार्थक होते हैं 2010 के कुंभ में और 2016 के अर्धकुंभ में देव डोलियों को गंगा स्नान कराया गया था। इस बार के कुंभ में देव डोलियों का गंगा स्नान भव्य किया जाना था। मगर कोरोना के प्रकोप को देखते हुए देव डोलियों के गंगा स्नान को सीमित किया गया और प्रतीकात्मक रूप से गंगा स्नान कराया गया। उत्तराखंड से चार देव डोलिया हरिद्वार गंगा स्नान करने पहुंची देव डोलियों के गंगा स्नान की रूपरेखा 2 महीने से बनाई जा रही थी। पूरे उत्तराखंड से देव डोलियों को हरिद्वार गंगा स्नान करने आया था। मगर परिस्थितियों को देखते हुए इसे सूक्ष्म रूप से किया गया। मगर उसके बावजूद भी कार्यक्रम काफी अद्भुत रहा भविष्य में जब स्थिति अनुकूल होगी तो देव डोलियों का एक अच्छा आयोजन कराया जाएगा।