निर्मल पंचायती अखाड़े में विवादों का सिलसिला जारी। आक्रोशित हुए लोग
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। निर्मल पंचायती अखाड़े में विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले अखाड़े में ही दो साधु संतों के गुट आमने-सामने थे, मगर अब अखाड़े की जमीन पर बने फ्लैट में रहने वाले लोग और निर्मल पंचायती अखाड़े के साधु संत ही आमने सामने आ गए हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व के समीप निर्मल अखाड़े की छावनी है, वहां पर पूर्व में कई फ्लैटों का निर्माण किया गया था। जीन लोगों को फ्लैट दिए गए थे। उनसे काफी रकम भी ली गई थी, फ्लैट में रहने वाले लोगों को आने जाने में कोई असुविधा ना हो इसके लिए अखाड़े की छावनी से ही रास्ता दिया गया था। मगर अब अखाड़े द्वारा रास्ते को बंद किया जा रहा है। जिससे फ्लैट में रहने वाले लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। फ्लैट में रहने वाले लोग और साधु संत आमने सामने आ गए। मगर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया।
फ्लैट में रहने वाले लोगों का कहना है कि, हमारे द्वारा जब फ्लैट लिए गए थे तो हमें बताया गया था कि, रास्ता अखाड़े की छावनी से ही है। मगर कुंभ शुरू होने से पहले अखाड़े द्वारा कहा गया कि, कुंभ में काफी साधु संत आयेगे। इस कारण इस रास्ते को बंद करना है। हमने अखाड़े की बात को मान लिया, मगर अब अखाड़े द्वारा हमारे फ्लैटों का पूरा रास्ता बंद किया जा रहा है। जिससे हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि अखाड़े द्वारा हमारे फ्लैटों के आगे दीवार खड़ी करी जा रही है और अगर भविष्य में कोई हादसा होता है, तो यहां पर ना ही कोई एंबुलेंस आएगी और ना ही कोई फायर की गाड़ी। इस कारण हमारे द्वारा दीवार का विरोध किया गया, मगर अखाड़े के संतों द्वारा महिलाओं से ही बदतमीजी की गई। उनका कहना है कि, अखाड़े द्वारा हमें कहा जा रहा है कि, हमने अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है। मगर हम 4 साल से यहां रह रहे हैं। हम चाहते हैं कि, अखाड़े को दीवार बनानी है तो फ्लैट में रहने वाले लोगों को परेशानी ना हो उस हिसाब से बनाई जाए।
वही इस मामले पर निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर का कहना है कि, निर्मल पंचायती अखाड़े की यह बिल्डिंग है पर यहां पर काफी किराएदार रहते हैं। हमारे द्वारा अखाड़े की जमीन पर दीवार बनाई जा रही थी मगर इनके द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। साधु संत झगड़ा नहीं करते हैं। इनके द्वारा ही हमसे झगड़ा किया जा रहा है। इनका कहना है कि, यहां पर फ्लैट नहीं बनाए गए हैं। यह संत निवास है अखाड़े द्वारा जो स्वीकृति दी गई थी वह आश्रम बनाने की दी गई थी। मगर अखाड़े में कुछ लोगों द्वारा यहां पर फ्लैट बना दिए गए थे। उनको अखाड़े के द्वारा बाहर कर दिया गया था। जिस भूमि पर फ्लैट बने हैं, वह अखाड़े की जगह है। हमने अखाड़े और इनकी सुरक्षा के लिए ही दीवार बनाने का कार्य शुरू किया था।
बता दें कि, निर्मल पंचायती अखाड़ा में विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पहले अखाड़े के साधु-संत ही अखाड़े की भूमि को लेकर आमने-सामने थे, मगर अब निर्मल पंचायती अखाड़े के संत और अखाड़े की भूमि पर बने फ्लैट में रहने वाले लोग भी आमने-सामने आ गए हैं। क्योंकि निर्मल पंचायती अखाड़े द्वारा दीवार बनाकर फ्लैट में रहने वाले लोगों का रास्ता बंद किया जा रहा है। इसी को लेकर फ्लैट में रहने वाले लोग आक्रोशित हैं और उनके द्वारा पुरजोर तरीके से दीवार बनाने का विरोध किया गया।