कुंभ में कैलाश खेर ने की माँ काली और भगवान शंकर की महिमा का गुणगान। मंत्रमुग्ध हुए साधु-संत
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
धर्मनगरी। हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेला अपने पूरे शबाब पर हैं। कोरोना महामारी का असर भी कुंभ मेले पर देखने को मिल रहा है। मगर उसके बावजूद भी आस्था कोरोना पर भारी दिखाई दे रही है। कुंभ मेले के शाही स्नानों पर साधु-संतों समेत लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। साथ ही कुंभ मेले में कई धार्मिक आयोजन भी किए जा रहे हैं। कुंभ के तीसरे शाही स्नान की पूर्व संध्या पर पदमश्री कैलाश खेर ने समा बांध दिया। कैलाश खेर द्वारा निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी द्वारा काली मंदिर में आयोजित कार्यक्रम और जूना अखाड़े के अचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी द्वारा हरिहर आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में अपनी मधुर आवाज से काली और भगवान शंकर की महिमा का गुणगान किया और माहौल को भक्ति में बना दिया।
आपको बता दें कि, कैलाश खेर ने उत्तराखंड पुलिस के लिए एक कुंभ गीत गाया है और उसका कंपोज भी किया है। इसके बदले में उन्होंने मेहनताने के रूप में मात्र एक रुपए ही लिया। उस गीत को गाकर कैलाश खेर ने अलग ही समा बांध दिया। कैलाश खेर का कहना है कि, हरिद्वार हरि का द्वार है। यहां मेरे द्वारा साधु संतों का आशीर्वाद लिया गया। मेरे द्वारा संतों के सानिध्य में प्रस्तुति दी गई। कैलाश खेर ने कैमरे पर भी उत्तराखंड पुलिस के लिए बनाए गए कुंभ का गीत सुनाकर एक अलग ही समा बांधा। आप भी सुनिए कैलाश खेर के द्वारा सुनाए गए मनमोहक गीत को।
बता दें कि, कैलाश खेर द्वारा गाए गए गीतों ने साधु संतों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज का कहना है कि, कैलाश खेर का मां काली के मंदिर में आना और मंगल गीत सुनाना यह उत्तराखंड और हमारे लिए महत्वपूर्ण क्षण है। हम उन्हे उनके उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद देते है।