ऊर्जा प्रदेश में लूट। बिजली खरीदने के खेल ने निचोड़ा उपभोक्ता का तेल!
– वर्ष 2019-20 में थी वितरण हानियां 13.40 फ़ीसदी तथा ए टी एंड सी हानियां थी 20.44 फ़ीसदी !
– ऊर्जा प्रदेश में जनता को लूटा जा रहा दोनों हाथों से
विकासनगर। यूपीसीएल की लापरवाही एवं अधिकारियों की मिलीभगत के चलते प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण हानियां तथा ए.टी. एंड सी. हानियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उक्त के अतिरिक्त यूपीसीएल के एक तरह से स्वायत्तशासी (ऑटोनॉमस बॉडी) होने का लाभ अधिकारी उठा रहे हैं तथा सरकारी नियंत्रण न के बराबर होने के बराबर होना भी बहुत कारण है।
उक्त मामले में सवाल खड़े करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, बिजली महंगी होने का मुख्य कारण “वितरण हानियां” एवं “ए.टी.एंड सी.” हानियां हैं, जोकि वर्ष 2018-19 में 14.32 फ़ीसदी तथा 2019- 20 में 13.40 फ़ीसदी थी तथा इसी प्रकार ए.टी. एंड सी. हानियां वर्ष 2018-19 में 16.52 फ़ीसदी तथा 2019- 20 में 20.44 फ़ीसदी थी, यानी कुल मिलाकर 30-35 फ़ीसदी लॉसेस (हानियों) की वजह से विभाग बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर देता है।
मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि, अधिकारियों एवं बिचौलियों की सांठ-गांठ के चलते मांग के सापेक्ष अत्याधिक बिजली खरीदने में भी भारी खेल होता है। अगर आंकड़ों की बात की जाय तो वर्ष 2018-19 में सरकार द्वारा 14083.69 मिलियन यूनिट्स खरीदी गई, जबकि उसके सापेक्ष 12295.20 मिलियन यूनिट्स बेची गई तथा इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 14139.31एमयू खरीदी गई एवं उसके सापेक्ष 12538.65 एमयू बेची गई।
मोर्चा सरकार से मांग करता है कि, इन विद्युत लॉसेस (हानियों) को रोकने हेतु यूपीसीएल पर चाबुक चलाए, जिससे आम उपभोक्ता को सस्ती बिजली मिल सके।