गंगोत्री धाम के रावल ने पूर्व मुख्यमंत्री पर किया करारा वार, नए मुख्यमंत्री का आभार
– योगी आदित्यनाथ से की मांग राम मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार हो
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश देर शाम हरिद्वार पहुँचे, उन्होंनेे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर देवस्थानम बोर्ड बनाने पर करारा वार किया। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा पुनर्विचार करने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आभार व्यक्त किया, तो वही उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से माँग की है कि, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्माण कराया जाए और राम मंदिर का दिव्य भव्य निर्माण हो। क्योंकि राम मंदिर के साथ जनभावनाएं जुड़ी है, इसलिए मंदिर बनाने के लिए धर्म ग्रंथो के अनुसार विधि विधान का पालन करना चाहिए।
गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज का कहना है कि, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत धर्म के विपरीत चलने लग गए थे, मगर जब-जब धर्म के साथ कुठाराघात की गई है उनका पतन हुआ है और आज यह देखने को मिला है। नए मुख्यमंत्री से हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि, वह चार धाम देवस्थानम बोर्ड जो पिछली सरकार द्वारा बनाया गया था, उसको उनके द्वारा पूर्णविचार में रखा गया। इसका हम स्वागत करते हैं कि, इसको लेकर हमारी परसों उनसे मुलाकात है उनसे इस मामले पर चर्चा की जाएगी।
वही राम मंदिर मामले पर उनका कहना है कि, कई सालों के इंतजार के बाद आज भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। मगर राम मंदिर निर्माण में शास्त्र सम्मत वास्तु शास्त्र और जो धर्म ग्रंथों में मंदिर बनाने के विधान हैं, उसी विधि से बनना चाहिए, ना की राजनीति विधि से। क्योंकि देश ही नहीं विदेशों में भी लोग आतुर है कि, भगवान राम का मंदिर कैसा बनेगा। इसको लेकर मेरी राज्य सरकार और वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि, वास्तु शास्त्र के अनुसार ही मंदिर को बनाया जाए और इसके लिए धर्माचार्य के साथ बैठक हो और उसके बाद ही भगवान राम का भव्य मंदिर बने।
बता दे कि, गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज ने जहां पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर देवस्थानम बोर्ड बनाने पर करारा वार किया, तो वही नए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि, उनके द्वारा इसको पूर्ण विचार के लिए रखा गया, तो वही राम मंदिर निर्माण को लेकर योगी आदित्यनाथ से मांग की गई कि, भगवान राम का भव्य मंदिर तो बने मगर वास्तु शास्त्र के अनुसार।