अपराध: देवभूमि में कलम को कुचलने की नाकाम कोशिश, गन प्वाइंट पर दो पत्रकारों का अपहरण

देवभूमि में कलम को कुचलने की नाकाम कोशिश, गन प्वाइंट पर दो पत्रकारों का अपहरण

रिपोर्ट- सलमान मलिक
रुड़की। उत्तराखंड प्रदेश सरकार के मुखिया भले ही बदल गए हो, लेकिन आज की तारीख में अगर कोई चीज नहीं बदली तो वो है प्रदेश में अवैध खनन। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के खनन माफिया बड़ी ही दबंगई के साथ बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं। ऐसे में बुधवार की देर शाम रुड़की स्टेशन पर काम करने वाले चार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार सूचना पर मंगलौर में ईदगाह रोड पर हो रहे अवैध खनन की कवरेज करने पहुंच गए, जैसे ही पत्रकारों के द्वारा मौके पर पहुंचकर पुलिस को सूचना देने के लिए फ़ोन निकाला गया, तभी मौके पर मौजूद डेढ़ दर्जन खनन माफियाओं के द्वारा पत्रकारों को जमकर पीटना शुरू कर दिया। जिसमें दो पत्रकार मौके से फरार हो गए।

एक पत्रकार ने खनन माफिया से बचने के लिए तालाब में छलांग लगा दी, तो वहीं दूसरे पत्रकार ने भागकर खनन माफियाओं से अपनी जान बचाई। जिसके बाद भागने वाले एक पत्रकार ने पुलिस के उच्च अधिकारियों समेत 100 नंबर पर पूरे घटनाक्रम की सूचना दी। वहीं खनन माफियाओं की दबंगई यहां भी कम नहीं हुई। खनन माफियाओं ने दो पत्रकारों को मौके से घसीटते हुए बेरहमी से बेल्ट और डंडों से पीटने के बाद अपनी स्कॉर्पियो में बंधक बनाकर डाल दिया और पिस्टल की नोक पर उत्तर प्रदेश की तरफ चल पड़े। मौके पर सूचना पाते ही स्थानीय पुलिस पहुंची और उसके बाद खनन माफियाओं का पीछा शुरू किया गया। जिसके बाद खनन माफियाओं के द्वारा बंधक बनाए गए दोनों पत्रकारों को नारसन बॉर्डर से आगे पुरकाजी बाईपास पर अधमरी हालत में छोड़ दिया गया।

पत्रकार गंभीर अवस्था में ही नारसन चौकी पहुंचे और उन्होंने भी पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। यही नहीं खनन माफियाओं पर लूटपाट मारपीट की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पत्रकारों पर हुए हमले को लेकर रुड़की एसपी देहात से भी मिला गया है। उनका कहना है कि, किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जिन लोगों ने पत्रकारों के साथ में मारपीट की है उन्हें तलाश किया जा रहा है। किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।