त्रिवेंद्र करवाना चाहते थे मोर्चा अध्यक्ष नेगी की हत्या: शर्मा
– पूर्व में भी भेजे थे हमलावर
– उच्च न्यायालय ने जनवरी 2019 को दिए थे सुरक्षा मुहैया कराने संबंधी निर्देश
– सरकार के दबाव में नहीं दी गई सुरक्षा
– त्रिवेंद्र का नारको टेस्ट हो जाए तो जनता के सामने आएगा सच
विकासनगर। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के काले कारनामों/भ्रष्टाचार/उनके कुप्रबंधन/माफियाओं से सांठ-गांठ/उनकी प्रशासनिक अक्षमताओं को लेकर जनसंघर्ष मोर्चा द्वारा लगभग साढे तीन साल जिस तरह से जबरदस्त आंदोलन चलाया गया, उससे परेशान होकर एवं नाकामी हाथ लगने पर त्रिवेंद्र ने मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी की एवं उनके 1-2 साथियों की हत्या की साजिश रच डाली थी, लेकिन कुछ विश्वास पात्रों की वजह से सावधानी बरतकर त्रिवेंद्र के षड्यंत्रों को विफल करने में मोर्चा द्वारा कामयाबी पाई गयी।
उक्त मामले में गुरुवार को जनसंघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा यह आरोप लगाते हुए कहा कि, विश्वस्त सूत्रों से हमें ज्ञात हुआ है कि, त्रिवेंद्र द्वारा पूरी सरकारी मशीनरी मोर्चा के खिलाफ उतारने के बावजूद लेशमात्र भी दाग नेगी के दामन पर नहीं ढूंढ पाए। दो-ढाई साल पहले भी त्रिवेंद्र द्वारा नेगी की पत्रकार वार्ता में हमलावर भेजे गए थे, जिसकी हकीकत परखकर नेगी ने मा. उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कार्रवाई करते हुए 11/01/19 को एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर को सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए, लेकिन सरकार के दबाव में आकर सुरक्षा प्रदान नहीं की गई।
शर्मा ने यह भी कहा कि, कई पत्रकार साथियों पर मुकदमे लगा कर उनको जेल में ठूंस दिया गया, लेकिन मोर्चा के हजारों साथियों एवं शुभचिंतकों की वजह से श्री नेगी को झूठे मुकदमे में नहीं फंसा पाए।
मोर्चा प्रदेश सरकार एवं केंद्रीय एजेंसियों से मांग करता है कि, त्रिवेंद्र का नारको टेस्ट कराया जाए, जिससे सारा सच जनता के सामने आए।