नागा सन्यासी ने साधु को बेरहमी से पीटा। कैमरे में कैद हुआ वीडियो
– मेला सुरक्षा भवन से चंद कदमों की दूरी पर घटना। प्रशासन पर सवालिया निशान
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। आदि गुरु शंकराचार्य ने नागा संन्यासियों की फौज बनाई थी। धर्म और भारत की संस्कृति की रक्षा के लिए और इसको बखूबी नागा सन्यासियों द्वारा निभाया भी गया। धर्म नगरी हरिद्वार में महाकुंभ शुरू हो गया है। पहले शाही स्नान महाशिवरात्रि पर हजारों नागाओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। मगर आज हर की पौड़ी के समीप मेला नियंत्रण भवन के पास एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली। जब एक नागा सन्यासी द्वारा एक साधु को बड़ी ही बेरहमी से पीटा गया। मगर वहां से गुजर रहे लोगों ने साधु को बचाने का प्रयास नहीं किया और यह सारा मामला कैमरे में कैद हो गया।
बता दें कि, धर्म नगरी हरिद्वार में आस्था के सबसे बड़े मेले महाकुंभ की शुरुआत हो गई है और इस मेले में सबसे आकर्षण का केंद्र नागा सन्यासी रहते हैं। क्योंकि नागा सन्यासियों को आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा धर्म की रक्षा के लिए सन्यास की दीक्षा दी गई थी और नागा सन्यासियों ने इस कार्य को बखूबी निभाया भी है। क्योंकि नागा सन्यासियों ने शास्त्र के साथ शस्त्र चलाने की शिक्षा भी प्राप्त की है। मगर धर्मनगरी हरिद्वार में नागा संन्यासी के क्रोध का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें नागा सन्यासी द्वारा एक साधु की मामूली सी कहासुनी को लेकर बड़ी ही बेरहमी से पीटा गया और यह सारा मामला कैमरे में कैद हो गया। मगर हैरानी की बात यह रही कि, वहां से गुजर रहे लोगों ने साधु को बचाने का प्रयास तक नहीं किया। प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि, हमने देखा तो संत आए और वह आपस में मारपीट करने लगे एक नागा सन्यासी द्वारा साधु को बड़ी बेरहमी से पीटा गया और उसके बाद नागा संन्यासी चला गया। मगर मौके पर कोई भी पुलिस का जवान मौजूद नहीं था और वहां मौजूद लोगों ने भी साधु को बचाने की कोशिश नहीं की।
हरकी पौड़ी सबसे संवेदनशील क्षेत्र है। साथ ही यहां पर मेला कंट्रोल भवन भी है। मगर उसके चंद कदमों की दूरी पर ही इस तरह की घटना हो जाती है और पुलिस को इसकी खबर भी नहीं होती। सेक्टर अधिकारी महेश चंद जोशी का कहना है कि, हमें इस तरह की सूचना मिली है और उसकी जांच के लिए मेरे द्वारा पुलिस के अधिकारी को मौके पर भेजा गया है और मैं खुद भी मौके पर गया हूं। इस तरह की घटना हुई है तो हमारे द्वारा कार्रवाई की जाएगी और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमारे द्वारा प्रयास किया जाएगा। अगर वहां पर पुलिस के किसी जवान की ड्यूटी थी और वहां मौजूद नहीं था तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
यहां बताना जरूरी होगा कि, हरिद्वार का सबसे संवेदनशील क्षेत्र और चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की मेला पुलिस बात कर रही है। मगर जहां पर तमाम अधिकारी और मेला पुलिस के अधिकारी अपने ऑफिस में बैठते हैं और यहीं से पूरे मेले की सुरक्षा करते हैं। मगर उसके चंद कदमों की दूरी पर ही एक नागा सन्यासी द्वारा एक साधु को बड़ी बेरहमी से पीटा गया यह मेला पुलिस की नाकामी ही साबित करती है। अब देखना होगा मेला पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।