हरिद्वार महाकुंभ मेले का पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि संपन्न हो चुका मगर साधु संतों की नाराजगी दूर होती दिखाई नहीं दे रही है | कई अखाड़ों के साधु संत महामंडलेश्वर नगर ना बसाए जाने से नाराज है तो साधु संत भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी से भी नाराज है| क्योंकि उसमें भजन कीर्तन करने पर भी पाबंदी लगाई गई है|
साथ ही शंकराचार्य को कुंभ मेले में अभी तक भूमि आवंटन नहीं की गई है| इसको लेकर गोवर्धन पीठ के जगत गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी गई है कि, 5 दिन के अंदर अगर शंकराचार्य को भूमि आवंटन नहीं की गई तो हम लोगों को जागरूक करेंगे कि आप शासन करने के पात्र नहीं है|
कुंभ मेले का पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि संपन्न हो चुका है| मगर अभी तक राज्य सरकार द्वारा नाही शंकराचार्य को भूमि आवंटन की गई है और ना ही महामंडलेश्वर नगर बनाया गया है| इसको लेकर तमाम साधु-संत सरकार से नाराज है| गोवर्धन पीठ के जगत गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती द्वारा वीडियो जारी किया गया है|
उनके द्वारा कहा गया है माननीय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री जी 500 वर्ष पूर्व शंकराचार्य जी ने देश की संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिए नागा सन्यासियों की सेना तैयार की ध्यान देने की आवश्यकता है| हरिद्वार को प्रारंभ हो चुका है और पहला शाही स्नान भी हो गया है मगर सभी शंकराचार्य शासन द्वारा उपेक्षित है| क्योंकि शंकराचार्य को कुंभ मेले में भूमि आवंटित नहीं की गई है| ऐसी अराजकता क्यों आप के शासनकाल में हो रही है क्या धार्मिक और आध्यात्मिक का क्षेत्र भी आप ही संभालना चाहते हो| इनका कहना है कि, स्वस्थ क्रांति के लिए जरूरी है|
हमारे साथ न्याय हो अन्यथा हम संकेत करेगी आप शासन करने के पात्र नहीं हो इनके द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को कहा गया है कि मेला प्रशासन के अधिकारी को निर्देशित करें और भूमि आवंटन कराई जाए नहीं तो हम बातें हो जाएंगे| आगे कोई ठोस कदम उठाने को 5 दिन के अंदर उचित स्थान पर भूमि आवंटन की जाए
कुंभ मेला शुरू हो गया है पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि पर सातों सन्यासियों अखाड़ों द्वारा भव्य रूप से स्नान किया गया| मगर साधु संतों की नाराजगी दूर होगी दिखाई नहीं दे रही है| आप गोवर्धन पीठ के जगत गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने सरकार को खुली चुनौती दी है कि, अगर 5 दिन के अंदर कुंभ मेले में शंकराचार्य को भूमि आवंटन नहीं की गई तो कड़ा कदम उठाने के लिए बाध्य हो जायेगे अब देखना होगा शासन और मेला प्रशासन इस चेतावनी के बाद कितनी जल्दी शंकराचार्य को भूमि आवंटन करता है यह देखने वाली बात होगी|