सरकार के कानून को धत्ता बता, कुत्ते और मालकिन की लाठी-डंडों से पिटाई। मामला सीसीटीवी में कैद

सरकार के कानून को धत्ता बता, कुत्ते और मालकिन की लाठी-डंडों से पिटाई। मामला सीसीटीवी में कैद

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। केंद्र सरकार ने भले ही पशु क्रूरता अधिनियम बना दिया हो, लेकिन अभी भी लोग इस कानून को मानने को तैयार नहीं है। कोतवाली रानीपुर क्षेत्र में एक व्यक्ति ने एक पालतू कुत्ते और उसकी मालकिन को सिर्फ इसलिए डंडे से पीट दिया क्योंकि उसके गेट के बाहर कोई जानवर शौच कर के चला जाता था। बड़ी बात यह कि, महिला और उसके कुत्ते को पिटता देखने के बावजूद आस-पास मौजूद लोगों ने आरोपी को रोकना नहीं चाहा। महिला ने इस संबंध में कोतवाली रानीपुर क्षेत्र में संबंधित धाराओं में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।

कोतवाली रानीपुर क्षेत्र में रहने वाली महिला रिंकी साहू रोजाना सुबह-शाम अपने पालतू कुत्ते को घुमाने घर से बाहर जाती थी, 2 दिन पूर्व जब यह महिला रात के समय घर से बाहर निकली तो पहले ही डंडा लेकर घात लगाए बैठे उसके पड़ोसी ने न केवल उसके कुत्ते को जमकर पीटा बल्कि महिला के विरोध करने पर उसकी भी जमकर पिटाई कर दी। इस दौरान कुत्ते के साथ महिला को भी गंभीर चोटें आई हैं। यह सारा वाक्य पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। महिला ने इस संबंध में कोतवाली रानीपुर क्षेत्र में आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया है।

महिला का आरोप है कि, आरोपी के घर के बाहर किसी अन्य जानवर ने शौच कर दिया था। जिससे गुस्साए उस व्यक्ति ने उसके व उसके कुत्ते के ऊपर हमला कर दिया। कुछ दिन पूर्व भी इस आरोपी ने महिला के साथ मोहल्ले में ही जमकर बदसलूकी की थी। महिला का कहना है कि, सीसीटीवी कैमरे में साफ देखा जा सकता है कि, आरोपी द्वारा मुझ पर हमला किया गया। मगर वहां मौजूद लोगों ने बचाने का प्रयास नहीं किया। मैं चाहती हूं कि उस को कड़ी सजा मिले।

इस मामले में एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने कहा कि, इस संबंध में एक महिला ने कोतवाली रानीपुर में तहरीर दी थी। तहरीर और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रानीपुर कोतवाली में कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि, एक आदमी के द्वारा कुत्ते को लाठी से पीटा जा रहा है। हम इस मामले में जांच कर रहे हैं और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

बताना जरूरी होगा कि, पशुओं के साथ लगातार बढ़ते मामलों के चलते ही सरकार ने पशु क्रूरता अधिनियम बनाया था। लेकिन इसके बाद भी इनके साथ होती क्रूरता के मामले कम होते नजर नहीं आ रहे हैं। जिसका बड़ा कारण पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई में गंभीरता न दिखाना है। एक बार फिर पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा तो दर्ज कर लिया है। लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि, आरोपी के खिलाफ पुलिस ऐसी क्या सख्त कार्रवाई करती है, जिससे इस तरह के मामलों पर रोक लग सके।