अगर आप शिवरात्रि के शाही स्नान पर जाने की सोच रहे है तो यह खबर अवश्य पढ़ें
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुम्भ महापर्व का पहला शाही स्नान 11 मार्च को होगा। हालांकि यह राज्य सरकार द्वारा कुम्भ की अधिसूचित की गई। अवधि में शामिल नही है फिर भी कुम्भ मेला प्रसाशन 11 मार्च के शिवरात्रि पर्व के स्नान को शाही स्नान के रूप में इंतेजाम कर रहा है। शिवरात्रि के अवसर पर सभी 7 सन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे। शाही स्नान के लिए सभी सन्यासी अखाड़ो का क्रम और समय पहले ही तय हो गया है। कुम्भ के पहले शाही स्नान पर किस तरह से हरिद्वार आ सकते है। इसके लिए सरकार ने कोविड को देखते हुए गाइडलाइन जारी की है। इसलिए पहले आप कुम्भ मेला प्रशासन की व्यावथाओं और सरकार की स्नान पर्व के लिए जारी की गई गाइडलाइन के बारे में भी जान ले ताकि आप जब हरिद्वार गंगा स्नान करने आये तो आपको परेशानी न हो।
इस कुम्भ में कोरोना की वजह से कई तरह की पाबंदियां भी रहेगी, यानी अगर आप स्नान के लिए हरिद्वार आना चाहते है तो केंद्र सरकार की पाबंदियों को पहले एक बार जानना जरूरी है। ताकि आपको जब स्नान करने आना हो तो कोई दिक्कत न उठानी पड़े। सरकार ने कुम्भ स्नान के आने वालों के लिए कोरोना गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत आपको अगर हरिद्वार आना है, तो आपको स्नान से 3 दिन पहले की कोविड की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट साथ लानी होगी। इसके अलावा आपको राज्य सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करना अनिवार्य है। स्नान पर्व को लेकर मेला प्रशासन जिला प्रशासन और मेले की ड्यूटी में तैनात सभी पुलिसकर्मी और पैरामिलिट्री फ़ोर्स शामिल है। 10 मार्च की रात से लेकर सुबह 8 बजे तक ही आम श्रद्धालुओं को हर की पौड़ी और मालवीय द्वीप वाले घाट पर गँगा स्नान कर सकते है। सुबह 8 बजे के बाद साधु संतों के स्नान के लिये सभी घाटो को खाली करा लिया जाएगा। स्नान वाले दिन लोगों को अगर गढ़वाल ऋषिकेश जाना हो वो चंडीघाट रोड़ से जा सकते है। बाकी हर की पौड़ी के सामने वाले हाईवे को बंद रखा जायेगा।
उत्तराखंड आने वाले सभी बॉर्डर पर श्रद्धालुओं की कोरोना रिपोर्ट चेक की जाएगी और बिना रिपोर्ट आने वालों के लिए उत्तराखंड में प्रवेश संभव नही हो पायेगा। कुम्भ के पहले शाही स्नान के लिए कुम्भ मेला प्रशासन कुंभ के तमाम इंतेजाम करने में जुटा हुआ है। इसके लिये कुम्भ पुलिस की आज ब्रीफिंग भी की गई और मेला क्षेत्र में पुलिस फ़ोर्स की ड्यूटियां भी लगा दी गई है। पहले शाही स्नान में सभी सात सन्यासी अखाड़े हरकी पौड़ी ब्रह्मकुंड में स्नान करेंगे। जबकि एक अखाड़े के स्नान के बाद दूसरे अखाड़े के आने के बीच के समय मे श्रद्धालु केवल ब्रह्मकुंड के सामने मालवीय घाट पर ही स्नान कर सकेंगे। सुबह 8 बजे से पहले हरकी पौड़ी के सभी घाटों को आम जनता से पूरी तरह से खाली करा लिया जाएगा।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि, वह भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करें। उनका कहना है कि, सरकार द्वारा शिवरात्रि के स्नान को शाही स्नान की मान्यता दी है इसको लेकर एसओपी जारी की गई है। उसका सभी श्रद्धालु पूरी तरह से पालन करें। क्योंकि अभी कोरोना गया नही है। विश्व हम सुरक्षा बरतेंगे, तभी सुरक्षित रहेंगे और हरिद्वार का कुंभ सुरक्षित संपन्न होगा। इसीलिए सरकार और मेरी अपील है कि, सरकार की गाइडलाइंस का पालन करें।
बता दें कि, कुम्भ मेले की वह शुभ घड़ी बस दो दिन दूर है जब गंगा में बस एक डुबकी आपके जन्मजन्मातारों के पाप धो सकती है। 11 मार्च को यानी शिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार में होगा कुम्भ का पहला शाही स्नान। पहले शाही स्नान पर आपको साधु संतों के रूप में दिव्य विभूतियों के भी दर्शन होंगे और उनका आशीर्वाद भी आपको मिल सकता है। कुम्भ का यह अध्भुत पर्व वैसे तो हर 12 साल के बाद आता है। मगर इस बार ग्रह योग के अनुसार यह 12 के बजाय 11 साल बाद पड़ रहा है। अगर आप इस बार देवरूपी साधु संतों के दर्शन करने से चूक गए तो आपको हरिद्वार में यह मौका फिर 12 साल बाद ही मिल पायेगा।