बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने फहराया 108 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज
– किसानों और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध हो खत्म, ममता बैनर्जी को सलाह भी देते नजर आए रामदेव
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। धर्मनगरी के बहादराबाद थाना क्षेत्र स्थित पतंजलि योग पीठ में आज योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की आन-बान और शान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। पतंजलि योग पीठ स्थित 108 फूट के राष्ट्रीय ध्वज को फहराते समय आयोजित किए गए कार्यक्रम में बड़ी संख्या में योग गुरु बाबा रामदेव के अनुयायी पतंजलि का स्टाफ और स्कूली छात्र-छात्राएं सभी धर्मों के धर्म गुरु मौजूद रहे। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। वही इस दौरान बाबा रामदेव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी को सलाह दी। अगर वह अपनी सत्ता बचाना चाहती है, तो वह राम और कृष्ण को भी उतना महत्व दे, जितना वह इस्लाम को देती है। बाबा रामदेव ने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए भगवान से प्रार्थना की और इस गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार से आवाहन भी किया।
वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर योग गुरु बाबा रामदेव ने जहां पतंजलि में स्थित 108 फीट का राष्ट्रीय ध्वज फहराया, तो वही बाबा रामदेव ने इस मौके पर योग आयुर्वेद और स्वदेश की क्रंति के बाद अब पतंजलि शिक्षा की क्रंति लाने का संकल्प भी लिया। अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिए अब योग गुरु शिक्षा में क्रांति लाएंगे।
बाबा रामदेव ने किसानों के आन्दोल पर बोलते हुए कहा कि, आज गणतंत्र दिवस के मौके पर मेरी भगवान से प्रार्थना है कि, किसानों और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होना चाहिए। मेरा सत्ताधीशो से भी हैं अनुरोध है कि, यह गतिरोध जल्द खत्म हो। किसान और सरकार दोनों अच्छी पहल करें। किसानों के हित के लिए पतंजलि भी पुरुषार्थ करेगी। देश का किसान दाल खाद्यान चीनी आदि में तो आत्मनिर्भर बन गए है। मगर खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर नही बन पाए है। देश का दो ढाई लाख करोड़ रुपये बचाने के लिए भी पतंजलि इस क्षेत्र में कार्य कर रही है।
वही इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी को प्रभु श्री राम के नाम से होने पर योग गुरु बाबा रामदेव ममता बैनर्जी को सलाह भी देते नजर आए। बाबा रामदेव का कहना है कि, हमारे भारत में नाम राम और कृष्ण के नाम पर रखे जाते है। श्री राम के संस्कारों से हम पुष्पित और पल्लवित हुए है। इस पर किसी को आपत्ति नही होनी चाहिए। ममता बनर्जी को मेरी सलाह है कि, अगर वह अपनी सरकार वापस लाना चाहती है, तो वह राम और कृष्ण सभी देवी देवताओं भारत और भारतीय संस्कृति को भी उतना ही गौरव दे। जितना वह गौरव इस्लाम को देती है। भारत हिन्दू-मुस्लिम, सिख-ईसाई का देश है, सबको साथ लेकर सत्ता के शिखर पर पहुंचा जा सकता है।