कुंभ मेले के स्नान पर्व पर “तीन डुबकी एक स्नान” करना होगा जरूरी
– शास्त्रों में वर्णन है इससे ब्रह्मा विष्णु महेश की होती है प्राप्ति
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु हर की पौड़ी और आस-पास के तमाम घाटों में सिर्फ तीन ही डुबकी लगा सकेगे। इसको लेकर कुंभ मेला पुलिस द्वारा व्यवस्थाएं की जा रही है कि, “तीन डुबकी एक स्नान” क्योंकि कुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं और इन तमाम गंगा घाटों पर स्नान करते हैं। मगर भीड़ ज्यादा होने की वजह से काफी लोग गंगा घाटों पर स्नान करने नहीं पहुंच पाते। इसी को देखते हुए मेला पुलिस द्वारा इस तरह की तैयारी की जा रही है। जिससे सभी लोग गंगा घाटों पर आकर स्नान कर सके। शास्त्रों में भी तीन डुबकी का काफी महत्व माना जाता है। आखिर कितना मिलता है तीन डुबकीओ का फल देखिये हमारी इस खास रिपोर्ट में…
बता दें कि, धर्मनगरी हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु हर की पौड़ी और उसके आसपास के घाटों पर ही स्नान करना चाहते हैं। मगर कुंभ के स्नान पर्व पर भारी भीड़ होने के कारण काफी श्रद्धालु इन घाटों पर स्नान नहीं कर पाते, इसी को देखते हुए कुंभ मेला पुलिस द्वारा व्यवस्था की जा रही है कि, कोई भी श्रद्धालु तीन डुबकी से ऊपर ना लगाएं। इसके लिए मेला पुलिस द्वारा कुंभ मेले में सभी घाटों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी और पुलिस के जवान श्रद्धालुओं को तीन डुबकी के बाद बाहर आने का आग्रह करेंगे।
कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि, सनातन धर्म के अनुसार स्नान के बाद ध्यान जप का महत्व है और शाही स्नान के वक्त जब भारी संख्या में भीड़ आती है और कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को स्नान कराने की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है, ऐसे में हम एक मंत्र देते हैं कि, तीन डुबकी एक स्नान। इसके पीछे उद्देश्य रहता है कम से कम समय में अधिक से अधिक लोग स्नान करके चले जाएं। हमारे द्वारा लगातार इस मंत्र को बोलना चाहते है ताकि लोगों को पता चल सके कि इसका पालन करना है और इस व्यवस्था को बनाने के लिए हमारे द्वारा जल पुलिस और अलग से पुलिसकर्मी मुख्य स्नान में गंगा घाट पर और गंगा जी के बीच में लगाए जाते हैं। जो लोगों को बताते रहते हैं कि, तीन डुबकी से ज्यादा ना लगाएं, यह हमारा उद्देश्य रहता है। क्योंकि हर की पौड़ी पर घाट सीमित है और श्रद्धालु काफी संख्या में आते हैं, इसलिए तीन डुबकी एक स्नान का मंत्र हमारे लिए काफी कारगर साबित होता है।
शास्त्रों में भी गंगा और पवित्र नदियों में तीन डुबकी का वर्णन आता है। कहा जाता है कि, गंगा और पवित्र नदियों में तीन डुबकी लगाने से ब्रह्मा, विष्णु, महेश की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि, गंगा की उत्पत्ति ब्रह्मा के कमंडल से होती हुई भगवान विष्णु के चरणों को धोती हुई भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हुई है। इसलिए तीनों ही भगवान के फल की प्राप्ति गंगा से होती है। अगर हम ब्रह्मा विष्णु महेश को साक्षी मानकर तीन डुबकी गंगा में लगाते हैं तो हमको सप्त रस क्रम तीनों गुणों की प्राप्ति होती है और वात पित्त कफ तीनों दोषों से मुक्ति मिलती है और साथ ही तीनों को प्राप्त कर आती है। इसलिए कहा गया है कि, पूर्व दिशा की तरफ मुंह रखकर गंगा में तीन डुबकी लगाएं। इससे ब्रह्मा की जगन शक्ति विष्णु की पालन शक्ति और शिव की संघार शक्ति प्राप्त होती है। साथ ही सरस्वती महालक्ष्मी और महाकाली कि शक्ति भी प्राप्त होती है। इसलिए गंगा में तीन डुबकी का ही महत्व होता है और पुराणों में इसका वर्णन भी है।
कुंभ मेले के स्नान पर्वों पर गंगा स्नान करने भारी भीड़ आने से हरकी पैड़ी और आस-पास के घाट फुल हो जाते है और पीछे से लगातार भीड़ आती रहती है। जिस कारण हरकी पौड़ी पर दबाव बन जाता है। इसलिए कुभ के स्नान पर्व में इस तरह की स्थिति न हो इसके लिए श्रद्धालुओं को तीन डुबकी एक स्नान का मंत्र मेला पुलिस द्वारा दिया जाएगा और तीन डुबकी का महत्व शास्त्रों में भी देखने को मिलता है कि, तीन डुबकी गंगा में लगाने से ब्रह्मा विष्णु महेश को प्राप्त किया जा सकता है।