कुम्भ मेले में सख्ती से होगा एनसीपीसीआर की गाईडलाइन का पालन

कुम्भ मेले में सख्ती से होगा एनसीपीसीआर की गाईडलाइन का पालन

– बच्चो के अनुकूल इस कुम्भ मेले में कोई बच्चा नही करेगा भिक्षावृत्ति, बाल मजदूरी

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुम्भ मेला 2021 को बच्चो के अनुकूल कैसे बनाया जाए और बच्चो को कुम्भ मेले के दौरान भिक्षावृत्ति, बाल मजदूरी और बच्चो के साथ अन्य दूसरे बाल शोषण होने से कैसे रोका जा सके, साथ ही एनसीपीसीआर की गाइडलाइन को मेले के दौरान कैसे जमीनी स्तर पर क्रियान्वित की जा सके, इसके लिए आज राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो हरिद्वार पहुंचे और हरिद्वार के रोशनाबाद स्थिति कलेक्ट्रेट भवन में जिला प्रशासन, कुम्भ प्रशासन, पुलिस, कई विभाग और कई संस्थाओं के साथ बैठक की और इन सभी का इस बैठक में कुम्भ मेले के दौरान एनसीपीसीआर की गाइडलाइन के क्रियान्वयन के लिए लक्ष्य तय किया गया और सभी को उचित दिशा निर्देश भी दिए गए।

इस दौरान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन ने कहा कि, आज इस बैठक में कुम्भ मेला 2021 के दृष्टिगत लक्ष्य निर्धारित किए गए है। इसमे जिला प्रशासन, पुलिस मेला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर आज यह तय किया गया है कि, एनसीपीसीआर की जो बच्चो के अनुकूल मेला आयोजित करने की गाइडलाइंस है, उनके हिसाब से चाइल्ड फ्रेंडली कुम्भ मेला हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेला प्रशासन राज्य सरकार और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, यहां का राज्य बाल आयोग, यहां की स्थानीय मेला आयोजन समिति, श्री गंगा समिति सभी लोग मिलकर इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कार्य प्रारंभ करेगे।

वही राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन का यह भी कहना है कि, बच्चो को लेकर जो कानून बने है, उन कानूनों का कुम्भ मेले के दौरान कैसे पालन कराया जाए उसको लेकर बैठक में विस्तृत चर्चा की गई है। इसमे जो प्रवासी बच्चे अपने माता-पिता के साथ यहां पर आएंगे उनके पास अगर रहने की लिए कोई स्थान नही होगा तब जिला प्रशासन द्वारा फिट फैसिलिटी की व्यवस्था कर उन बच्चो को रखा जाएगा। चिल्ड्रन होम्स में उन बच्चो को रखा जाएगा, मगर मेले के दौरान यह सुनश्चित किया जाएगा कि, न बच्चे सड़को पर भीख नही मांगेंगे, बाल मजदूरी का कार्य नही करेगे, मेले में स्टाल और दुकानों पर लेबर के रूप में कार्य नही करेगे और जो भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चे है उन्हें पुनर्वासित किया जाए।

बता दें कि, बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति का कार्य हरिद्वार में बड़े पैमाने पर होता है, क्योंकि अब कुंभ मेला आने वाला है और इस बड़े आयोजन में बाहर से भी कई लोग छोटे बच्चों को हरिद्वार लाकर भिक्षावृत्ति का कार्य करवाते हैं। इसी को लेकर अब मेला प्रशासन और जिला प्रशासन सख्त रुख अपनाने वाला है और आज इसी की रूपरेखा तैयार की गई है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने मेला प्रशासन और जिला प्रशासन को सख्त हिदायत दी कि, किसी भी प्रकार का बच्चों पर उत्पीड़न कुंभ मेले में ना देखने को मिले।