कोटद्वार नगर निगम में फर्जी कागजों पर दौड़ रही महापौर की गाड़ी। आरटीआई में हुआ खुलासा
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम के अंतर्गत मेयर के प्रयोग में लाए जाने वाली गाड़ी के फर्जी कागजों के आधार पर चलाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर बहुगुणा द्वारा आरटीआई से ली गई जानकारी के अनुसार कोटद्वार नगर निगम में जो गाड़ी मेयर के लाने लेजाने के लिए प्रयोग में लाई जा रही थी, वह गाड़ी निजी नंबर की थी। परिवहन उपायुक्त कोटद्वार द्वारा इसकी जानकारी नगरनिगम को दूरभाष पर भी दी गई थी कि, निजी नंबर के वाहन को नगरनिगम में संचालित नहीं किया जा सकता है।
आरटीआई में दी गई जानकारी के अनुसार नगर निगम में कमर्शियल गाड़ी UK15TA1515 के कागजात लगाए गए हैं। जबकि UK15-6242 को भुगतान किया जा रहा है। डेढ़ साल से यह प्रक्रिया चल रही है, अब इस संबंध में UK15TA1515 के गाड़ी मालिक यशपाल सिंह रावत ने नगर आयुक्त से शिकायत लिखित में दर्ज कराते हुए इस 420सी करने वाले कर्मचारियों और उपयोग में लाई गई गाड़ी मालिक पर कार्यवाही करने को कहा है। कार्यवाही ना होने की स्थिति में पुलिस में इसकी शिकायत आर्टिकल 420 के तहत दर्ज कराने की बात कही है।
साथ ही अब तक उनके गाड़ी के कागज इस्तेमाल होने की स्थिति में गाड़ी मालिक 6242 से रिकवरी करते हुए उन्हें भुगतान देने की बात कही है। क्योंकि उनके द्वारा सरकार को टैक्स जमा किया जा रहा है। उनकी गाड़ी के कागजातों का गलत इस्तेमाल कर दुरुपयोग भी किया जा रहा है। बताते चलें कि, नगर निगम द्वारा मेयर के लिए गाड़ी के टेंडर हुए थे। जिसमें तीन गाड़ियों के कागजात टेंडर के लिए जमा किए गए थे। जिनमें एक गाड़ी कमर्शियल तथा दो व्यक्तिगत थी। व्यक्तिगत गाड़ी में एक पार्षद पत्नी की गाड़ी भी थी।
नगर निगम कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत कर कमर्शियल गाड़ी को छोड़कर पार्षद पत्नी की व्यक्तिगत नंबर की गाड़ी को भुगतान किया जाने लगा है। यशपाल सिंह रावत की इस शिकायत के बाद नगरनिगम में हड़कंप मच गया है।जब इस संबंध में नगर निगम कोटद्वार आयुक्त पी एल शाह से जानकारी ली गई तो आयुक्त का कहना था कि, यह सब उनके पूर्व के अधिकारियों के कार्यकाल में हुआ। जैसे ही उन्हें जानकारी मिली उक्त वाहन का टेंडर निरस्त कर नए सिरे से वाहन का टेंडर सोमवार से कर दिया है।