तीन-तीन न्यायालयों में भूमि विवाद दाखिल होने के बावजूद भूमि कब्जाने का प्रयास
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। नगर निगम कोटद्वार बनने के बाद कोटद्वार में भूमाफियाओं की नजर विवादित भूमियों, न्यायालय में चल रहे भूमि विवादों तथा कमजोर और निर्धन परिवारों की भूमियों को ऐनकेन प्रकार से कब्जाने पर लग गई है। इस प्रकार की भूमि कब्जाने के लिए राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारी भी पीछे नहीं हैं, यही नहीं इस काम में स्थानीय पुलिस के कांस्टेबल से एसआई का सहयोग लिया जा रहा है। बात यहीं खत्म नहीं हो जाती भूमिधारी परिवारों को बाहरी व स्थानीय बदमाशों को हथियारों से लैस कर गाहे बगाहे डराने व मारपीट तक करवा कर बेदखल करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नं 1 व 2 कुम्भीचौड में पिछले कुछ सालों से चल रहा है। यह मामला चंदन सिंह बनाम उमेश मैसी का तहसील कोटद्वार में विचाराधीन है तो चंदन सिंह बनाम सोहन सिंह अपर न्यायालय पौड़ी में भी चल रहा है। इसके अलावा इसी भूमि का वाद माननीय उच्च न्यायालय में भी वर्तमान में चल रहा है। इस विवादित भूमि पर न्यायालय में कार्रवाई चलने के बावजूद नववर्ष 2021की दोपहर 3:30 बजे नवीन पयाल पुत्र चंदन पयाल निवासी देहरादून अपने 20-25 साथियों व 7-8 पुलिस कांस्टेबल लेकर भूमि पर कब्जा जमाने पहुंचे तो चंदन सिंह के परिवार ने इसका विरोध किया।
विरोध करने पर नंवीन पयाल के साथियों और पुलिस कांस्टेबलों द्वारा परिवार वालों को गालियां व झूठे मुकदमे में फंसाने का भय दिखाया, परन्तु परिवार के सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। परिजनों ने इस सम्बन्ध में भूमि कब्जाने वालों के खिलाफ कोटद्वार कोतवाली में तहरीर देकर शिकायत दर्ज करवाई है। इस सम्बन्ध में गौर करने वाली बात यह है कि, जब मामला तीन-तीन न्यायालयों में चल रहा है तथा विवादित भूमि पर न्यायालय का स्टे भी लागू है तो कोटद्वार थाने से नवीन पयाल को पुलिस का साथ मिला है।
न्यायालय में वाद होने के बावजूद पुलिस का भूमि कब्जा दिलवाने में मददगार बनना पुलिस को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है। अब देखना यह है कि, चंदन सिंह की तहरीर पर पुलिस क्या कार्रवाई करती है और माननीय न्यायालय क्या संज्ञान लेता है।