प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर, लेकिन धृतराष्ट्र की मुद्रा में बैठा राजभवन
● युवा बेरोजगार कर रहे आत्महत्या, लेकिन राजभवन खामोश
● राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण मामले में भी राजभवन बैठा है खामोशी ओढ़े
● प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर, लेकिन राज भवन धृतराष्ट्र की मुद्रा में
● कोरोना का कहर मंद पड़ते ही राजभवन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेगा मोर्चा
देहरादून। प्रदेश में बेरोजगार इस कदर परेशान हैं कि आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हैं तथा कई युवा अवसादग्रस्त जिंदगी जीने को मजबूर हैं, लेकिन राजभवन का इन बेरोजगार युवाओं की पीड़ा से कोई लेना देना नहीं है। प्रदेश में वर्तमान में 60-70 हजार पद रिक्त पड़े हैं, लेकिन सरकार पर नियंत्रण खो चुका राजभवन धृतराष्ट्र की भूमिका निभा रहा है।
उक्त मामले में जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सवाल उठाते हुए कहा कि, वर्षों से राजभवन में लंबित राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण से संबंधित पत्रावली धूल फांक रही है। प्रदेश आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है तथा आमजन को अपने छोटे-मोटे कामों को कराने के लिए बगैर सुविधा शुल्क दिए कोई काम नहीं हो रहा है, लेकिन इस मामले में भी राजभवन मुंह ढक कर सोया पड़ा है। कोरोना वायरस का कहर मंद पड़ते ही मोर्चा राजभवन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेगा।