निगम को मिली भारत सरकार से ट्रेचिंग ग्राउंड हेतु भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति

निगम को मिली भारत सरकार से ट्रेचिंग ग्राउंड हेतु भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति

– गोविंद नगर स्थित कूड़े के ढेर को वहीं पर किया जाएगा समाप्त
– लाल पानी बीट की भूमि हस्तांतरण के मामले में महापौर के महाप्रयास लाये रंग

ऋषिकेश। तमाम छोटे बड़े प्रोजेक्टों और ड्रीम योजनाओं को धरातल पर उतारने के बाद नगर निगम को लाल पानी बीट में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं प्रोसेसिंग प्लांट हेतु 10 हेक्टेयर वन भूमि के लिए पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से सैद्वांतिक सहमति मिल गई है। नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत गोविंद नगर से पुराना कूड़ा (लैगेसी वेस्ट) हटाने के लिए भी शासन द्वारा डीपीआर तकनीकी अनुमोदन के लिए भेजा गया है।

नगर निगम के इस मास्टर स्ट्रोक की जानकारी पत्रकार वार्ता के माध्यम से देते हुए नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि, तमाम ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर जाने के बाद अब लाल पानी बीट में कूड़ा निस्तारण की योजना का रास्ता साफ हो गया है। अपर मुख्य सचिव देहरादून के अंतर्गत ऋषिकेश के लाल पानी के कक्ष संख्या एक में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, निस्तारण एवं प्रोसेसिंग प्लांट हेतु 10 हेक्टेयर वन भूमि कार्यों हेतु नगर निगम को सैधांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। महापौर ने बताया कि, लगभग 50 करोड़ रूपये से इस जगह पर
कूड़ा निस्तारण प्लांट लगेगा। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एनओसी विगत 29 सितंबर को प्राप्त हो गई थी।

मंगलवार की दोपहर नगर निगम में पत्रकारों से मुखातिब हुई महापौर ने बताया कि, प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा नगर आयुक्त को प्रेषित किए गए पत्र में एक करोड़ 18 लाख ₹7448 रपये डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जमा करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि, नगर निगम ने शहरी विकास निदेशक को चयनित भूमि हस्तांतरित करने के लिए पत्र प्रेषित किया है। जिलाधिकारी महोदय द्वारा म्यूटेशन की कार्यवाही पूर्ण करने के पश्चात तुरंत प्रोजेक्ट पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निस्तारण एवं प्रोसेसिंग प्लांट हेतु लाल पानी बीट में मिलने वाली भूमि ऋषिकेश में ही कूड़े की समस्या का स्थाई समाधान तो करेगी ही साथ ही इसका लाभ स्वर्ग आश्रम, मुनि कीरेती, नरेंद्र नगर, डोईवाला को भी मिलेगा।

महापौर ममगाई के अनुसार गोविंद नगर के खाली भूखंड में पिछले 40 वर्षों से सिर्फ कूड़ा डंप होने की वजह से कूड़े के पहाड़ खड़े हुए हैं। नगर निगम कूड़े के स्थाई समाधान को लेकर बेहद हाईटेक टेक्नोलॉजी के साथ योजना को धरातल पर लाएगा। जिससे आने वाले वर्षों में कभी भी तीर्थ नगरी को कूड़े की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। शहर के लिए नासूर बन चुके गोविंद नगर भूखंड के मामले में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए महापौर ने बताया कि, विगत 3 जुलाई को नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत गोविंद नगर से पुराना कूड़ा हटाने के लिए डीपीआर एवं आर एफ पी शासन द्वारा तकनीकी अनुमोदन के लिए भेजा गया था।

इसी कढी में 30 जुलाई की बैठक में लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए रखे प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा सर्व सम्मति से पारित किया गया था। नगर निगम महापौर अनिता ममगाई में जानकारी देते हुए बताया कि, 8 अक्टूबर को कुंभ मेला अधिकारी से इस कार्य के लिए 9 करोड रुपए अवमुक्त करने के लिए पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि, इस महीने शासन द्वारा निविदा लगाने का आदेश मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में नगर निगम की कमान संभालने के बाद सीमित संसाधन होने के बावजूद भी निगम प्रशासन द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिए प्रतिबद्धता के साथ हर संभव प्रयास किया जाता रहा है।

सूखा कूड़ा हटाने के लिए यूएनडीपी, एचडीएफसी के माध्यम से सुखा कूड़ा निस्तारण के लिए स्वच्छता केंद्र स्थापित किया जा रहा है जोकि 3 महीने में शुरू हो जाएगा। जीआईजेड कंपनी के माध्यम से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अविरल प्रोजेक्ट का अनुबंध भी निशुल्क कर लिया गया है। इसका मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी का प्लांंट भी आगामी वर्ष में धरातल पर दिखने लगेगा। गीले कूड़े के निस्तारण के लिए जगह-जगह कंपोस्ट बनाने की जानकारी देते हुए महापौर ने बताया कि, कंपोस्ट पिट बनाने के लिए नगर निगम की जनता को भी जागरूक किया जा रहा है। महापौर के अनुसार शहर में से निकली गंदगी के लिए अभी हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया है। कूड़ा रखने के लिए शहर वासियों को 50 हजार डस्टबिन बांटने की प्रक्रिया भी गतिमान है।पत्रकार वार्ता में सहायक अभियंता आनंद सिंह मिश्रवान, कर अधीक्षक रमेश रावत आदि भी मोजूद रहे।