यूजेवीएनएल में हुई फर्जी नियुक्तियों की राजभवन में नहीं कोई सुनवाई
– कई महीनों तक नहीं ली जाती शिकायती पत्रों की सुध
– यूजेवीएनएल में हुई फर्जी नियुक्तियों एवं सचिव दमयंती रावत की प्रतिनियुक्ति का था मामल
विकासनगर। उत्तराखंड का राजभवन सिर्फ और सिर्फ ऐशगाह बनकर रह गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, जनता द्वारा भेजे गए शिकायती पत्रों (डाक- ईमेल) पर 4-5 महीने तक कोई कार्यवाही नहीं होती। उक्त प्रकरण में जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि, अधिकांश मामलों में जब राजभवन से मामले में हुई प्रगति के बारे में जानकारी ली जाती है तब जाकर कहीं पत्रावली गतिमान होती है।
जब जनता की सुनवाई ही नही होनी तो करोड़ों रुपए खर्च क्यों
नेगी ने यह भी बताया कि, मोर्चा द्वारा माह मई एवं जून में दो शिकायती पत्र राजभवन को प्रेषित किए गए थे, जिसमें यूजेवीएनएल में हुई फर्जी नियुक्तियों की सीबीआई जांच कराए जाने के लिए भवन निर्माण एवंअन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव पद पर श्रीमती दमयंती रावत की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने हेतु पत्र प्रेषित किए गए थे, लेकिन राजभवन द्वारा इन पत्रों को चार-पांच महीने तक दबाए रखा।
मोर्चा द्वारा जब इस मामले में हुई कार्रवाई/प्रगति के बारे में पूछा गया, तब जाकर माह सितंबर में पत्रावली गतिमान हुई, यानी आज तक भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। ऐसे में अगर राजभवन जैसे जिम्मेदार संस्थान का यह हाल है तो प्रदेश के हालात कैसे होंगे।