संक्रमित आशा कार्यकत्री गाँव में घूम-घूम करती रही बच्चों का टीकाकरण। ग्रामीणों में रोष
रिपोर्ट- संदीप चौधरी
रुड़की। जहाँ एक तरफ डॉक्टर धरती का भगवान कहा जाता है, वही दूसरी ओर भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर कभी-कभी अपने पेशे को ही खुद पलीता लगाते नजर आते है। दअरसल पूरा मामला भगवानपुर विधान सभा के खेलपुर गांव का है। जहां श्रीमती सुषमा जो कि आशा के रूप में खेलपुर गांव में कार्यरत है। सुषमा का करोना सेंपल दिनांक- 12/07/20 को लिया गया था जिसकी रिपोर्ट 25/07/20 को करोना पॉजिटिव आई थी, सेंपल देने के बाद से और रिपोर्ट आने तक सुषमा लगातार फिल्ड वर्क करती रही और टीकाकरण के काम को अंजाम देती रही। हद तो तब हुई जब 25 तारीख को भी सुषमा छोटे बच्चों को घर-घर जाकर टीकाकरण कर रही थी।
गौरतलब है कि, खेलपुर गांव में उस समय हंडकम्प मच गया जिस वक्त स्वास्थ्य विभाग की टीम आशा सुषमा की ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार बच्चों का सेंपल लेने गांव में पहुँची। तभी ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाया कि, जब शुष्मा का कोरोना सेंपल ले लिया गया था तो फिर उसको ड्यूटी पर क्यों रखा गया। क्यों गांव को बेबसी के अधीन कर दिया गया।
आपको बता दे कि, जब स्वास्थ्य विभाग की टीम गाव में सेंपल लेने पहुँची तो गांव में ग्रामीणों के पैरो तले मानो जमीन खिसक गई हो। ग्रामीणों ने गांव में आई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर गम्भीर आरोप लगाए। वही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी आनन फानन में सेंपल लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वापस पहुँची। वही जब ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग ने आक्रोश देखा तो तत्काल प्रभाव से गांव में पुलिस की देख-रेख में बच्चों के सेंपल लिये गये।
वही ग्रामीणों का आरोप है कि, सुषमा को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाये। वही कार्यकारणी डॉक्टर विक्रांत सिरोही का कहना है कि, हमने सभी अपनी आशाओं का सेम्पल ऊपर भेजा था और सभी के सेमल लिए गए थे। फिलहाल गांव के बच्चे व बुजुर्ग लोगो के सेंपल ले लिये गये है। डॉक्टर सिरोही की बातों से साफ जाहिर होता है कि, वो अपनी लापरवाही को छुपाने की कोशिश कर रहे है।