स्वामी शिवानंद ने की अनशन की घोषणा। सीएम को बताया अपहरणकर्ता और खनन माफिया
हरिद्वार। गंगा की निर्मलता अविरलता और स्वच्छता के लिए हरिद्वार की मातृ सदन संस्था के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने एक बार फिर से अनशन की घोषणा कर दी है। कोविड-19 के कारण स्वामी शिवानंद ने 29 मार्च को माँ गंगा की स्वछता अविरलता और विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे अनशन को विराम देने के बाद स्वामी शिवानंद ने अब 3 अगस्त से अनशन शुरू की करने की बात कही है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संस्था के परमाध्यक्ष एक बार फिर अनशन की रहा पर है। यही नही अनशन शुरू करने की घोषण के दौरान स्वामी शिवानंद ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें अपहरणकर्ता और खनन माफिया बताया है।
गंगा में खनन पर पाबन्दी, गँगा पर प्रस्तावित और निर्माणधीन परियोजनाओं को निरस्त करने और स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद द्वारा बनाये गए गँगा एक्ट को लागु करने समेत स्वामी शिवानंद की पाँच सूत्रीय मांगे है। जिनको लेकर स्वामी शिवानंद ने 3 अगस्त से अनशन शुरू करने की घोषणा की है। स्वामी का आरोप है कि, प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी कई माँगे पूरा करने ही वाले थे लकिन उत्तराखंड सरकार और एक केंद्रीय मंत्री ने ऐसा नहीं होने दिया। सरकार ने लॉकडाउन का फायदा उठाकर गँगा में जमकर पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से अवैध खनन करवाया। मातृ सदन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक गंगा को बचाने के लिए मातृ सदन बलिदान देता रहेगा।
वही स्वामी शिवानंद ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की तुलना करते हुए कहा है कि, मुख्यमंत्री योगी जहां आतंकवादियों का एनकाउंटर करते है तो वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत साधुओं का अपहरण करते है और बड़े खनन माफिया है। मातृ सदन के कई साधु माँ गंगा की स्वछता अविरालत और निर्मलता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे चुके है। संस्था के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद वृद्धावस्था में भी एक बार फिर माँ गंगा के लिए अनशन की रहा पर है। देखने वाली बात होगी कि, मांगो का संज्ञान लेकर सरकार द्वारा माँ गंगा की स्वच्छता निर्मलता और अविरलता के लिए कितने जरूरी कठोर कदम उठाये जाते है या फिर गंगा के लिए मातृ सदन के साधु पूर्व की तरह अपने प्राणों की आहुति देते रहते है।