Exclusive: पार्षद के साथ डंपर स्वामी और ड्राइवरों की बदसलूकी। खनन माफियाओं के होंसले बुलंद

पार्षद के साथ डंपर स्वामी और ड्राइवरों की बदसलूकी। खनन माफियाओं के होंसले बुलंद

रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। कोटद्वार में खनन कारोबारियों का खौफ बनाने का माहौल लगातार बढ़ता जा रहा है। खनन कारोबारी और खनन माफिया अब आम जनमानस को भी अपना निशाना बनाने लगे हैं। इसमें हम साज और दोस्ती निभाने का काम कोटद्वार पुलिस कर रही है। जब से कोटद्वार में पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता पर खनन की खबर दिखाने पर मारपीट और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। तबसे खनन कारोबारी और खनन माफिया कोटद्वार में आम जनमानस सहित जनप्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों पर अपने दबंगई का दबाव बनाने पर तुले हैं। इसका एक उदाहरण कोटद्वार कोतवाली में देखने को मिला है जो आजकल चर्चाओं में भी है।

जिसमें उप जिलाधिकारी द्वारा सितंबर 2019 में एक पोकलैंड मशीन सीज की गई थी, कोटद्वार पुलिस की मेहरबानी से यह पोकलैंड मशीन कोटद्वार से गायब कर दी गई। यहां तक कि उस मशीन का जुर्माना तक नहीं भरा गया था। वर्तमान समय में कुछ मीडिया कर्मियों ने जब इस मामले को उछाला तो मजबूरन जुलाई 2020 में इसका जुर्माना भरा गया। लेकिन पोकलैंड मशीन अभी तक गायब हैं। वहीं जिस जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को पोकलैंड मशीन सौंपी गई थी, अभी तक उस पर विभागीय कार्यवाही हुई और न ही प्रशासनिक कार्यवाही। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, खनन कारोबारियों के राज्य सरकार में हाथ कितने मजबूत हैं?

इसी कारण आज कोटद्वार में खनन कारोबारी और खनन माफिया आम जनमानस पत्रकार पर अपना दबाव बनाने में अपने को कामयाब समझ रहे हैं। उनके द्वारा अब अपना निशाना जनप्रतिनिधियों को भी बनाया जाने लगा है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार देर रात वार्ड नंबर 4-5 में देखने को मिला जहां पर पार्षद कुलदीप कंबोज ने अपने वार्ड से डंपरओं को गुजरने से रोक दिया। लेकिन जबाब मे डंपर मालिक और ड्राइवरों ने उनके साथ गाली और बदतमीजी शुरू कर दी। जब मामला बढ़ने लगा तो वार्डवासी भी वहां पर मौजूद हो गए। लेकिन डंपर मालिक और ड्राइवर वार्डवासियों पर भी अपना दवाब बनाने लगे और बदतमीजी करने लगे।

इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी को मोबाइल पर करने से उपजिलाधिकारी द्वारा पुलिस को कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मौके पर चार डंपर UK15CA2393, UK15CA2193, UP21SN4658 व UK6CA1195 को पकड़ लिया गया। लेकिन पार्षद के वहां से हटने के बाद इन डंपरों को छोडने का प्रयास किया गया। जब इसकी सूचना पार्षद को मिली तो पार्षद कुलदीप कंबोज ने अपने सहयोगी पार्षदों विपिन डोबरियाल और गिंदीदास को सूचना दे दी। मामला बढ़ता देख पुलिस को डंपरों पर कार्रवाई करनी पढी। खबर लिखे जाने तक दो और डंपर पर कार्यवाही हो चुकी थी।

अब देखना यह है कि, इन डंपरों पर कितने समय में कार्यवाही होती है या फिर पोकलैंड की तरह रफा-दफा कर इन्हें भी छोड़ दिया जाएगा। वहीं पार्षद कुलदीप कम्बोज द्वारा डंपर मालिकों सहित ड्राइवरों की नामजद रिपोर्ट कोटद्वार कोतवाली में दर्ज कराई गई है।