क्वारंटाइन सेंटरों में प्रवासियों की हालत बदहाल
विकासनगर। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश भर में क्वारंटाइन किए जा रहे लोगों को जिस प्रकार बदहाल स्थिति में सैंटरो में रखा जा रहा है, उनकी हालत सरकार ने रोहिंग्या जैसी बना दी है। दुर्भाग्य की बात है कि सीएम त्रिवेंद्र रावत के पास महामारी से संबंधित दोनों विभाग (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं आपदा) हैं, लेकिन इसके बावजूद मा. उच्च न्यायालय को प्रदेश के लोगों को मुकम्मल सुविधाएं मुहैया कराने, लोगों को हो रही असुविधा आदि मामले यथा उनके भोजन, साफ-सफाई, बिस्तर/चारपाई आदि तमाम असुविधाओं को लेकर जो फटकार लगाई है, वह इस बेशर्म सरकार के मुखिया के लिए डूब मरने वाली बात है।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, इस अदूरदर्शी एवं गैर जिम्मेदार सरकार के लिए मा. न्यायालय का हस्तक्षेप डूब मरने के लिए काफी है। मोर्चा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि, दो-तीन दिन पहले क्वारंटाइन सेंटर में बच्ची की सांप द्वारा डसने से मौत होना बहुत चिंताजनक बात है। मोर्चा राजभवन से भी मांग करता है कि, जनता के दर्द को दूर करने के लिए स्वयं व्यवस्थाओं का जायजा लें। जिससे इस महामारी से लड़ा जा सके |