प्रवासियों ने बढ़ाई ग्रामीणों की चिंता। डर के साये में ग्रामवासी
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिऐ लगाए गए लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड का जो व्यक्ति जहां था वो वही फंस गया था। लेकिन सरकार अब प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों को वापस लाने के लिऐ अनुमति दे चुकी है। जिससे बाहरी राज्यो में फंसे उत्तराखंड वासी अब वापस अपने घरो में आने शुरू हो गए है। प्रदेश में भारी संख्या में प्रवासी प्रवेश कर चुके है। जिनमे से सैकड़ों प्रवासी संक्रमित भी पाऐ गए है। प्रवासियों को राजधानी देहरादून के विभिन्न हिस्सो में रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्रो में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर की वजह से ग्रामीणों में अब भय उत्पन्न होने लगा है।
उन्हें अपने गांवो में संक्रमण फैलने की चिंता सता रही है। सहसपुर विधानसभा अन्तर्गत सुद्धोवाला, कोटड़ा सन्तोर, कोल्हूपानी, पोन्धा, विधौली, कण्डोली, कांसवाली, कोठडी, झाझरा, मांडूवाला क्षेत्रो की ग्राम पंचायतो में स्तिथ छात्रावास और हॉस्टलों में हजारो की तादाद में प्रवासियों को ठहराया गया है। ग्रामीणों और जिला पंचायत सदस्य रंजीता असवाल तोमर ने सरकार और जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि, ग्राम पंचायतो में सेनेटाइजर का छिड़काव करवाया जाये साथ ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये जाये।
क्योंकि क्वारंटाइन सेंटरो में रखे गए प्रवासी बाहर सड़कों पर घूम रहे है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। जिला पंचायत सदस्य रंजीता असवाल तोमर ने शासन प्रशासन से आग्रह किया है कि, जिन क्षेत्रो में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए है, उन क्षेत्रो में विशेष सावधानी बरती जाए जिससे ग्रामीण क्षेत्र संक्रमण से बचे रहे।