पेयजल व ऊर्जा विभाग की लापरवाही के कारण बूंद-बूंद पानी को तरसी जनता
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से तो लोगो को जूझना पड ही रहा है। साथ ही मूलभूत सुविधाओ के लिऐ भी तरसना पड़ रहा है। पछ्वादून क्षेत्र के कई गांवो में लंबे समय से बिजली व पेयजल की किल्लत बनी हुयी है। स्थानीय जनता की गुहार के बाद भी संबंधित विभाग की नींद खुलने का नाम नही ले रही है। चारो ओर अव्यवस्थाओं ने अपने पैर पसार रखे है। सुबह से ही महिलाएं और बच्चे पानी के लिऐ मिलो पैदल चल रहे है। साथ ही प्राकृतिक स्रोतो से पानी ढोकर अपनी प्यास बुझा रहे तो वही मवेशियों को भी बिना पानी के ही रहना पड़ रहा है। विकासनगर और सहसपुर विधानसभा के कई गांवो में इस समय पेयजल की भारी किल्लत है।
जानकारी के मुताबिक कई गांवो में लोगो को पानी खरीद कर पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पानी के टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है, तो वहीं जिस जगह से ग्रामीण पानी भर रहे है, वहां पर भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। सीमावर्ती गांव तिमली गांव में आठ हजार की आबादी को पानी के लिऐ भटकना पड़ रहा है, तो वही तिमली गांव में बिजली आपूर्ति भी बाधित रहती है। जिससे घने जंगलो के बीच बसे इस गांव को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तिमली गांव में अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी ग्रामीणों की सुध लेने तक नही आते। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर गांव की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। चुनाव के दौरान ही नेताओ को इस गांव की याद आती है। साथ ही चुनाव के बाद सांसद और विधायक पांच सालो तक गांव में आकर झांकते भी नही है। जिससे ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।