त्रिवेंद्र सरकार में निर्णय लेने की क्षमता नहीं। “आप” लाएगी उत्तराखंड के प्रवासियों को वापस
– त्रिवेन्द्र सरकार दिल्ली में फंसे उत्तराखण्डियों को वापिस नहीं ला सकती तो हमें दे जिम्मेदारी
– हम केजरीवाल सरकार की मदद से दिल्ली में फंसे उत्तराखण्डियों को लायेंगे वापस
देहरादून। दिल्ली और देश भर में फंसे उत्तराखण्ड के प्रवासी भाई-बहनों को त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने जिस तरह धोखा दिया है, वो सब जानते हैं। पहले वापिस लाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया और फिर मना कर दिया। जिस तरह से अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी उत्तराखंडी घर वापसी के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं और उत्तराखण्ड में रह रहे उनके घरवाले अपने चहेतों की बाट जोह रहे हैं इस दर्द को देखते हुए हम चुप नहीं बैठ सकते। आज उत्तराखंड आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने सरकार की इस बात पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा कि, आज प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार में निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो चुकी है, सरकार सुबह कुछ शाम को कुछ कह रही है। सरकार सीधे तौर पर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। यदि त्रिवेन्द्र रावत सरकार को हमारे उत्तराखंडी भाई बहनों की थोड़ी सी भी परवाह है तो उनको वापस लाने की कार्रवाई करे और अगर सरकार के अंदर ये करने की क्षमता नहीं है तो सरकार हमें बताए। उत्तराखण्ड की जनता त्रिवेन्द्र रावत जैसे क्षमताहीन नेताओं की मोहताज नहीं है।
पिरशाली ने कहा कि, उत्तराखण्डवासियों के हितों के लिए हर कदम उठाने की क्षमता रखने वाली एक सरकार दिल्ली में चल रही है, आम आदमी पार्टी की सरकार। त्रिवेन्द्र सरकार दिल्ली में फंसे उत्तराखण्डी भाई बहनों की जिम्मेदारी हमें दे। सरकार हमसे कह दे कि, उनसे नहीं हो सकता और हमें दिल्ली के सारे प्रवासी भाई बहनों का डाटा दें, साथ ही हमें अधिकृत करें तो हम दिल्ली सरकार से निवेदन करेंगे कि वो हमारे उत्तराखण्डी प्रवासी भाई बहनों को उत्तराखण्ड भेजने में मदद करें और अपने भाई बहनों को राज्य में लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत न लाऊंगा न लाने दूंगा जैसी नीति पर न चल रहें है।