त्रिवेंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा उत्तराखंड की जनता के साथ धोखा
– त्रिवेंद्र सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों के आदेश को बदलना शक के घेरे में
– जब स्कूल कॉलेज शैक्षणिक संस्थान बंद है तो फिर किस बात की फीस
देहरादून। सरकार द्वारा यह आदेश जारी किया गया था कि, निजी स्कूल लॉकडाउन के चलते अभिभावकों को फीस जमा कराने के लिए नहीं बोलेंगे और न ही किसी प्रकार का अभिभावकों पर दबाव बनाएंगे। परंतु बाद में यह आदेश बदल दिया गया। आज आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र सिंह आनन्द ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, त्रिवेंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड की जनता के साथ धोखा किया गया है। पहले आदेश देना उसके बाद उसी आदेश को बदल देने के पीछे आखिर सरकार की क्या मंशा है?
उन्होंने बताया कि, सरकार द्वारा बाद में यह आदेश जारी किया गया कि, जो अभिभावक फीस देना चाहते हैं वह निजी स्कूलों को फीस जमा करा सकते हैं, लेकिन जो अभिभावक असमर्थ है वह फीस ना जमा करवाएं। सीएम द्वारा ऐसे आदेश देना न सिर्फ उत्तराखंड की जनता के साथ धोखा है, बल्कि उत्तराखंड की जनता के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम मुख्यमंत्री ने किया है। क्योंकि जो लोग फीस जमा नहीं कराएंगे उनको और उनके बच्चों को प्राइवेट स्कूलों द्वारा इस दृष्टि से देखा जाएगा कि, वह अभिभावक स्कूल की फीस देने में असमर्थ है। जिस कारण उनको जिल्लत उठानी पड़ सकती है और समाज में यह बहुत गलत संदेश जाएगा।
रविन्द्र ने कहा कि, त्रिवेंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के चलते आखिर फीस जमा कराने को लेकर अपना निर्णय क्यों बदला गया? उन्होंने कहा कि, क्या यह वही स्कूल हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायता प्रदान की थी? क्या इसी के चलते सरकार द्वारा अपना निर्णय बदला गया? यह बहुत शर्म की बात है। त्रिवेंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड की जनता के साथ बार-बार धोखा किया जा रहा है, तो क्या वाकई निजी स्कूलों द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायता प्रदान करने के चलते उसकी एवज में सरकार ने निर्णय बदला! आनन्द ने कहा कि, आम आदमी पार्टी उत्तराखंड की जनता एवं अभिभावकों के साथ खड़ी है और वह अपनी इस लड़ाई को जारी रखेगी। समय आने पर इसके खिलाफ उग्र प्रदर्शन भी पार्टी द्वारा किए जाएंगे।
रविन्द्र ने बात को जारी रखते हुए कहा कि, सरकार इतनी कमजोर है कि, वह प्रायः अपने निर्णय, आदेश आदि बदलती रहती है। उन्होंने मुख्यमंत्री की इच्छाशक्ति पर भी सवाल उठाए कहा कि, यह सब कमजोर नेतृत्व का परिणाम है। उन्होंने पुनः मांग की है कि, सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों को लाॅकडाउन पीरियड तक स्कूल फीस पूर्णतः माफ करने एवं किसी भी प्रकार का अन्य शुल्क ना लेने का आदेश जारी करना चाहिए। जिससे उत्तराखंड की जनता जोकि लॉकडाउन के चलते बुरे आर्थिक हालातों से गुजर रही है उसको कुछ राहत मिल सके।
इस पर संगठन प्रभारी डीके पाल ने कहा कि, जब स्कूल कॉलेज शैक्षणिक संस्थान बंद है तो फिर किस बात फीस ली जा रही है। पार्टी द्वारा जल्द ही सभी अभिभावकों को एकत्र कर रोष प्रदर्शन इत्यादि किये जाएंगे। अभिभावकों के साथ अन्याय को आम आदमी पार्टी जरा भी बर्दाश्त नहीं करेगी।