गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की पूजा में 21 तीर्थ पुरोहित ही होंगे शामिल
रिपोर्ट- ललित मोहन भट्ट
नैनीताल। इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाटोद्घाटन में केवल 21-21 तीर्थ पुरोहित ही शामिल हो सकेंगे। डोली यात्रा के लिए भी यही प्रावधान किया गया है। डोली यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन करना होगा। इन दोनों धामों के कपाट अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर आने वाली 26 अप्रैल को खुलेंगे। कोरोना महामारी के चलते इस बार चार धाम यात्रा के चलने की संभावना न के बराबर है।
लेकिन तीर्थ पुरोहित धामों के कपाटोद्घाटन की परंपरा के निर्वहन की तैयारी में जुटे हैं। मां गंगा की डोली यात्रा शनिवार दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और सचिव दीपक सेमवाल ने बताया कि भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद डोली यात्रा रविवार सुबह 10 बजे गंगोत्री पहुंचेगी।
खरसाली से 26 को जाएगी मां यमुना की डोली
मां यमुना की डोली 26 अप्रैल को सुबह आठ बजकर 15 मिनट पर खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए विदा होगी। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल और सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि डोली यात्रा यमुनोत्री धाम पहुंचने के बाद यहां स्नान एवं पूजा-अर्चना कर तय मुहूर्त पर 12 बजकर 41 मिनट पर यमुनोत्री मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
तीर्थ पुरोहितों के अलावा नही किसी को अनुमति
डीएम डॉ आशीष चौहान और पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि, चार धाम यात्रा अभी प्रतिबंधित है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में डोली यात्रा और कपाटोद्घाटन के दौरान भी शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराया जाएगा। परंपराओं के निर्वहन के लिए सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों को छोड़ कर अन्य किसी को भी धामों में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
तीर्थ पुरोहितों का होगा मेडिकल परीक्षण
डीएम डॉ आशीष चौहान के अनुसार कपाटोद्घाटन में शामिल होने वाले तीर्थ पुरोहितों का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। इसके साथ ही मौके पर सैनिटाइजर, मास्क आदि की व्यवस्था भी की गई है। नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमें मौजूद रहेंगी।