Exclusive: संकट की घड़ी में जरूरतमंदों का सहारा बनी उमा की “स्प्रैड हैप्पीनेस”

संकट की घड़ी में जरूरतमंदों का सहारा बनी उमा की “स्प्रैड हैप्पीनेस”

 

– रोजाना अलग-अलग भोजन बना बांट रही उमा

देहरादून। पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से इन दिनों जूझ रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां, राजनीतिक दल व समाजसेवी संस्थाएं इन दिनों इस संकट की घड़ी में भुखमरी से जूझ रहे लोगों की भूख मिटाने में जुटी हुई है। इन्ही सबके बिच इन दिनों “स्प्रैड हैप्पीनेस” संस्था भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है।

स्प्रैड हैप्पीनेस की संस्थापक उमा सिसोदिया ने बताया कि, “Spread happiness” की एक छोटी सी कोशिश हर मनुष्य तक अन्न पहुंचाने की है। इस संकट की घड़ी में कामकाज न कर पाने के कारण से लोग भोजन जुटाने में असमर्थ है। उनकी इन परेशानियों को दूर करने का काम हमारी संस्था एक अच्छे ढंग से कर रही है। हमने यह कर्यक्रम पिछले 27 मार्च चलाया हुआ है। रोजाना कम से कम 300 से ज्यादा लोगों को खाना पहुंचाने का कार्य फिलहाल संस्था द्वारा किया जा रहा है।

उमा ने यह भी बताया कि, इस कार्यक्रम को जारी रखने में उमा सिसोदिया के साथ कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी, दीपा शर्मा, सरफ़राज़ हसन, अर्चना यादव, मुजीब रहमान, हितेश चौधरी, अमरीश गौर, रोहन कोटनाला, अरुण गौतम, नविन पडियार, नीरज धीमान, मनीष प्रजापति, आदि लोगों का सहयोग है। जिनके सहयोग से ही बीते दिनों अलग-अलग क्षेत्रो में कच्चा राशन 500 से अधिक लोगों को वितरित किया जा चुका है। जिसके बाद अब पका भोजन, ट्रंचिंग ग्राउंड बस्ती, कैनाल रोड, मयूर विहार की कई कंस्ट्रक्शन साइट्स के मजदूर, ATS अपार्टमेंट के पास बस्ती में रोजाना वितरीत किया जाता है। साथ ही मयूर विहार पुलिस चौकी में भी भोजन के पैकेट वितरण के लिए दिए जाते है।

संस्था व संस्था से जुड़े लोगों का यही प्रयास है कि, रोजाना ज्यादा से ज्यादा लोगों तक भोजन पहुंचाया जाए, कोई भी परिवार भूखा न रहे। 350 से ज्यादा लोगों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही रोजाना 25-30 बैग राशन जिसमें (4kg आटा, 3kg चावल, 1kg दाल) भी जरूरतमंदों को बांटा जा रहा है। हमारी इस लॉकडाउन के समय में सभी से अपील है कि, सभी लोग नियमों का पालन करें और अनावश्यक रूप से बाहर घूमने की बजाय अपने घरों में रहें। “स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें'” एवं प्रदेश की जनता से अपील है कि, अपने सामर्थ्य के अनुसार यदि आपके आस-पास कोई गरीब परिवार या बेसहारा बुजुर्ग व्यक्ति हो तो उसकी मदद जरूर करें।