तो क्या प्रधानमंत्री मोदी का जनता कर्फ्यू तोड़ेगी त्रिवेन्द्र सरकार
रिपोर्ट- संजय भट्ट
देहरादून। खबर है कि 22 मार्च 2020 से उत्तराखण्ड सरकार देहरादून-श्रीनगर (गढ़वाल) हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने जा रही है। जबकि 22 मार्च रविवार को कोरोना संक्रमण को देखते हुवे प्रधानमंत्री मोदी ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया है, और जनता को घरों में रहने की सलाह के साथ एक तरह का अघोषित कर्फ्यू ही लगा डाला है।
ऐसे में जब भाजपा की केंद्र और राज्य दोनों जगह सरकारें हैं और कोरोना के चलते उत्तराखण्ड सरकार ने विभिन ऐतिहासिक कदम भी उठाए हैं, विभीन्न सलाहें व अपील भी जारी की हैं। उत्तराखण्ड की त्रिवेंद्र राईट सरकार ने 65 वर्ष से अधिक व 10 वर्ष से कम आयु वर्ग को घर से न निकलने की सलाह, देशी-विदेशी पर्यटकों पर उत्तराखण्ड आने पर रोक, 31 मार्च तक सभी स्कूलों की छुट्टी, सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम जैसे महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं।
तो अब 22 मार्च जनता कर्फ्यू के दिन
देहरादून-श्रीनगर(गढ़वाल) हेली सेवा के शुभारंभ पर कौन लोग उस हेलीकॉप्टर को उड़ाएंगे? कौन लोग उसमे बैठ कर उड़ान भरेंगे? ये महत्वपूर्ण व बड़े सवाल हो चले हैं। हेली सेवा शुरू करना अच्छी बात कही जा सकती है परंतु जब प्रधामनंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया हो तो क्या एक निजी कम्पनी के स्वार्थ के लिए प्रधानमंत्री के ऐलान की धज्जियां उन्हीं की पार्टी की सरकार उड़ाएगी! क्या ये सरकार निजी कम्पनी के आगे घुटने टेक कर कोरोना वायरस के कहर और प्रधानमंत्री मोदी के आदेशों/निर्देशों को ठेंगा दिखाने का काम जारी रखेगी!
मेरी निजी सलाह है माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को कि निजी कम्पनियों के आगे इतना भी नतमस्तक न हों कि प्रधानमंत्री मोदी के एलान को खुद ही तोड़ें और जनता से मोदी के जनता कर्फ्यू को मानने की बात करें।