त्रिवेन्द्र सरकार को मनाना चाहिए “उपलब्धि दिवस” के बजाय “काला दिवस”
– ज्वलंत सवाल
कोरोना के कहर ने उपलब्धि मामले में प्रदेश को बचाया जलालत से। डेंगू व जहरीली शराब से हुई दर्जनों मौतों के मामले में मनाना था जश्न। प्रदेश को हजारों करोड़ के कर्ज में डुबाने के मामले में। प्रदेश में हजारों उद्योग बन्द होने एवं एक हजार से अधिक विद्यालय बन्द होने के मामले में। प्रदेश को खनन/शराब माफियाओं के हाथों बेचने के मामले में। प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार/घोटालों के मामले में। फर्जी जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय व कृषि के क्षेत्र में। फर्जी राष्ट्रीय पुरूस्कार के मामले में। आखिर किस बात का जश्न?
देहरादून। प्रदेश के मुखिया त्रिवेन्द्र रावत 18 मार्च को सरकार के 3 साल का कार्यकाल पूरा करने पर विधानसभावार उपलब्धि दिवस ‘‘बातें कम, काम ज्यादा’’ प्रदेश में मनाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कोरोना के कहर ने इस जश्न/उपलब्धि दिवस को स्थगित/निरस्त कराकर प्रदेश को शर्मशार होने व करोड़ों रूपये स्वाहा होने से बचा लिया। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि, सरकार के मुखिया को जरा भी शर्म नहीं है कि, इन तीन सालों में प्रदेश को इनकी अनुभवहीनता/निकम्मेपन/भ्रष्टाचार की वजह से सिर्फ बर्बादी ही मिली है।
आलम यह है कि, इनके कार्यकाल में डेंगू से हुई दर्जनों मौतें, हरिद्वार व देहरादून में जहरीली शराब के कारोबार व उसके पीने से दर्जनों मौतें, किसान/व्यापारी द्वारा अपना रोजगार चौपट होने के कारण हुई मौतों को सरकार उपलब्धि मान रही है। प्रदेश में इनके कार्यकाल में हजारों उद्योग बन्द हो गये, युवा रोजगार की तलाश में भटक रहा है तथा इन तीन सालों में सरकार दो-तीन हजार लोगों को भी रोजगार नहीं दे पायी। प्रदेश को हजारों करोड़ रूपये कर्ज में डुबाकर बर्बाद करने का काम किया गया है।
108 सेवा कर्मचारियों का दर्द भी किसी से छिपा नहीं है। खुशियों की सवारी बन्द हो गयी तथा प्रसव सड़कों पर हो रहे हैं। अस्पतालों में डाॅक्टर्स व विद्यालयों में अध्यापक नहीं है। पूर्व में प्रदेश के गरीब परिवारों (पति-पत्नी) दोनों को वृद्वावस्था पेंशन मिलती थी, लेकिन अब सिर्फ एक सदस्य को ही मिलती है। सरकार द्वारा फर्जी आंकड़े तैयार कर जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय व फर्जी आंकड़ों के आधार पर राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किये जा रहे हैं।
इतना ही नहीं प्रदेश में नित नये घोटालों को इनकी सरपरस्ती में अंजाम दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ प्रदेश की जनता/कर्मचारी सड़कों पर आन्दोलित है। ऐसे में किस प्रकार का जश्न/उपलब्धि त्रिवेन्द्र सरकार मनाना चाहती है। आज विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जहां वार्ता के दौरान जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि, मोर्चा त्रिवेन्द्र सरकार से मांग करता है कि, उपलब्धि दिवस के बजाय काला दिवस मनाये।