Breaking: मुख्यमंत्री के विभागों का खस्ताहाल

Cm trivendra

मुख्यमंत्री के विभागों का खस्ताहाल

 

– सुप्रीम कोर्ट का भी नहीं रहा अधिकारियों पर डर

आईएफएमएस कोड नहीं हो रहा जनरेट, कैसे मिलेगी कर्मचारियों को पेंशन। मामला वर्क चार्ज/वर्क चार्ज से नियमित सिंचाई एवं लोनिवि कर्मचारियों की पेंशन का है। विभागाध्यक्ष ने गत माह निदेशक, कोषागार एवं वित्त से भी किया था आग्रह। मा.सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर दी जानी है कार्मिकों को पेंशन। आईएफएमएस कोड जनरेट कराने को मोर्चा देगा शासन में दस्तक

देहरादून। मा० सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर दिनांक- 02/09/19 के क्रम में सिंचाई, लोनिवि व अन्य विभागों के वर्कचार्ज कर्मियों को वर्कचार्ज की सेवा अवधि पर पेंशन एवं अन्य लाभ अनुमन्य किए जाने हेतु निर्देश दिए गए थे। जिसके क्रम में शासन द्वारा आदेश जारी किए गए तथा शासन के निर्देशों के क्रम में विभागाध्यक्षों द्वारा पेंशन व अन्य लाभ शीघ्र प्रदान किए जाने के निर्देश दिए भी गए थे।

विभाग द्वारा ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में आ रही परेशानियों के मामले में विभागाध्यक्ष, लोनिवि ने दिनांक- 17/02/20 को निदेशक, कोषागार एवं वित्त को पत्र प्रेषित कर शीघ्र सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में आवश्यक मैपिंग/डिजाइन संशोधित करने का आग्रह किया गया था।

बता दें कि, लगभग एक महीने के अंतराल में भी बैठक आहूत नहीं की गई। जिससे आज तक कर्मचारियों को पेंशन इत्यादि का लाभ नहीं मिल पाया। उक्त का मुख्य कारण यह था कि, वर्कचार्ज में नियुक्ति की सेवा अवधि से पुनरीक्षित पेंशन प्रदान की जानी है, तथा ऐसे प्रकरणों में वर्तमान में प्रचलित आई एफएमएस सॉफ्टवेयर में कार्मिकों की पुनरीक्षित पेंशन हेतु पूर्व दर्शित नियमित नियुक्ति की तिथि के स्थान पर सॉफ्टवेयर में वर्क चार्ज की तिथि को दर्शित किया जाना मुश्किल कार्य हो रहा है।

जिसके अंतर्गत राज्य गठन से पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके वर्क चार्ज/नियमित, जिनकी सेवारत/कार्यरत अवधि में वेतन भुगतान हेतु एम्पलाई कोड की प्रक्रिया विद्यमान नहीं थी। उक्त हेतु आईएफएमएस कोड जनरेट किया जाना है।जनसंघर्ष मोर्चा

आज विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने यह बात कही। साथ ही यह भी कहा कि, मोर्चा शीघ्र ही आईएफएमएस कोड जनरेट कराने को शासन में दस्तक देगा।