संपादकीय: मतदान के प्रति युवाओं को जागरूक करना हमारा कर्तव्य

मतदान के प्रति युवाओं को जागरूक करना हमारा कर्तव्य

 

सलीम रज़ा
दुनिया का सबसे बड़ा लोतांत्रिक देश भारत है, और भारत के हर नागरिक को मतदान करने का मूल अधिकार प्राप्त है। देश के मतदाता को अधिकार होता है की वो अपने मतदान का प्रयोग करके ऐसे नेताओं का चयन करें जिसके पास देश का नेतृत्व करने की क्षमता हो। आपके द्वारा चयनित किया गया नेता ऐसा हो जो आमजन की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो साथ ही देश के अन्दर परिवर्तन की बयार लाने की कुब्बत रखता हो। मतदाता दिवस का महत्व इस लिए भी जरूरी हो जाता है कि, आप एक जागरूक मतदाता की हैसियत से उस इंसान को अपना मत दें जो देश सेवा के लिए कार्य कर सके, क्योंकि हम जिस इंसान को अपना मत देकर जिताते हैं तो उसके हाथ में अपने देश के भविष्य की बागडोर थमा देते हैं। यानि देश का भविष्य नेता में ही निहित है। लिहाजा आप पर निर्भर करता है कि, आप कितने विवेकशील हैं।

 

मतदान का फैसला करने से पहले आप अपने विवेक का कितना इस्तेमाल करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि, ऐसे वक्त में आपके विवेक की परीक्षा होती है जिस पर आपको खरा उतरना होता है। अमूमन देखा ये जाता है कि, लोग पार्टी प्रेमी हाने के नाते इस बात का ख्याल भी नहीं करते कि जो व्यक्ति चुनाव में खड़ा है उसका चुनाव में खड़ा होने का उद्देश्य क्या है? बस यहीं पर भूल हो जाती है। क्या आपने इस बात को ध्यान से सोचा है कि, अगर आप जागरूक मतदाता नहीं होगे और अपने विवेक का प्रयोग न करके ऐसे नेता का चयन कर बैठते हैं जो आपके मानक पर खरा नहीं उतरता, फिर ऐसे हालात में देश की तरक्की और विकास के रास्ते में बाधा तो आनी ही है। जिसका असर देश पर पड़ना लाजिमी है। आपके द्वारा चयनित नेता ही जो विभिन्न बुनियादी और बड़ी परियोजनाओं का फैसला करता है।

 

ऐसे में अगर बुनियादी प्रणाली में ही खामी होगी तो बहुत सारी समस्याएं देश या प्रदेश में आकर खड़ी हो जाती हैं। बहरहाल राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को इसी उद्देश्य को लेकर मनाया जाता है जिसका मकसद देश के युवाओं में चुनावी प्रक्रिया में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना और इसके साथ-साथ उन्हें मतदान के लिए प्रोत्साहित किया जाये। इस दिवस को मनाने के पीछे दूसरा मकसद ये भी है कि देश के अन्दर युवा मतदाताओं की संख्या बढ़े और उन्हें इस पर्व के लिए कैसे जागरूक किया जा सके। जिससे चुनाव में उनकी प्रबल भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके। दरअसल इसी दिन निर्वाचन आयेग की स्थापना हुई थी, इसलिए 25 जनवरी मतदाता दिवस और निर्वाचन आयोग का स्थापना दिवस भी है।

 

भारत में चुनाव आयोग सन् 1950 को आस्तित्व में आ गया था। लेकिन भारत में पहली बार मतदाता दिवस 2011 में मनाने की शुरूवात हुई थी। इस दिवस के जरिए देश के उन युवा मतदाताओं को जो 18 बर्ष के हो चुके उन्हें चुनावी प्रक्रिया में अपनी हिस्सेदारी का महत्व बताकर उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। इस बात में भी कोई शक नहीं है कि, यह मताधिकार और हिन्दुस्तान के लोकतंत्र मनाने का भी दिन है। चुनाव आयोग का भी मकसद है उन मतदाताओं के लिए विशेषकर जो पात्र हैं उनके नामांकन में वृद्धि की जा सके। आज के दिन नये युवा मतदाताओं को हर प्रदेश में अपने राज्य के राज्यपाल के द्वारा मंच पर उनके मतदाता पहचान पत्र को दिया जाता है। जिससे युवाओं में मतदान के प्रति उत्साह और जागरूकता आये। कार्यक्रम में उन्हें चुनाव में हिस्सेदारी करने की बारीकियों को भी बताया जाता है। जिससे वो अपने मताधिकार का सदुपयोग कर सकें।

 

हमारा दायित्व बनता है कि, हम अपने देश के उन युवाओं को जो मतदान की आयु में प्रवेश कर चुके हैं उन्हें उनकी भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करें और आने वाली नई पीढ़ी के लिए एक मजबूत नेटवर्क का निर्माण करना चाहिए। जिससे वो कामयाबी और पूरे जोश के साथ अपने मत को देना यकीनी बनायें। मतदाता दिवस हिन्दुस्तान में हर साल मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिवस है जो देश के युवाओं में जागरूकता लाने के लिए है। जिससे वे अपना मत जिम्मेदार व्यक्ति को ही दें और देश के विकास में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सकें।