CAA-NRC पर प्रधानमंत्री मोदी को आरटीआई एक्टिविस्ट संजय भट्ट ने लिखा खुला खत

CAA-NRC पर प्रधानमंत्री मोदी को आरटीआई एक्टिविस्ट संजय भट्ट ने लिखा खुला खत

 

प्रधानमंत्री नेहरू चाहते तो भारत में लोकतंत्र नहीं राजतंत्र होता

आरटीआई एक्टिविस्ट- संजय भट्ट….
देहरादून। प्रधानमंत्री मोदी जी बहुत दुःखद बात है कि, आज आप हिंदुस्तान को भी पाकिस्तान बनाने पर तुले हो, अगर पाकिस्तान, बंग्लादेश, अफगानिस्तान में हिंदुओं की आबादी घटी है तो इसमें हिंदुस्तानी, मुस्लिमों का क्या दोष है?

लाना है तो जनसंख्या नियंत्रण कानून लाइये, पर धर्म के आधार पर नहीं, जैसे आप CAA लाये सिर्फ धर्म के आधार पर। भारत का संविधान सबको बराबरी का अधिकार देता है। हमारे संविधान की पहली ही प्रस्तावना है “We The People Of India” पर आपने तो CAA-NRC से “Who the people of India” कर दिया।

हमें आगे बढ़ना था, आप पीछे धकेल रहे हो। महिलाओं को आज भी कई ग्रामीण इलाकों व धर्म विशेष के पर्दे में रखकर दोयम दर्जे के नागरिक के बराबर रखा जाता है, महिलाओं को भेड़-बकरी समझा जाता है। उन्हें बराबरी का अधिकार दिलवाना चाहिए था। आपने कहा भी था “बेटी बचाओ”

 

पर अब आप तो मुस्लिमों को और गरीबों को ही दोयम दर्जे का नागरिक बनाने पर तुले हो।

 

बताओ गरीब जिसके पास घर नहीं, या जुग्गी-झोपड़ी, मलिन बस्ती में घर है, जो कि बिना कागज का सरकारी भूमि पर कब्जे वाला है, वो कागज कहाँ से लाएगा? तो वो बंगलादेशी पाकिस्तानी हो जाएगा। फिर वो साबित करेगा या प्रार्थनापत्र देगा कि वो पाकिस्तान-बांग्लादेश से आया है, फिर आप उसे भारतीय नागरिकता दोगे, जबकि वो पहले से ही भारतीय है। और इसमें भी गरीब मुस्लिम को आप शरणार्थी घोषित कर दोगे, उसे नागरिकता भी नहीं दोगे।

प्रधानमंत्री मोदी जी तो क्या आज हम भारत के नागरिक आपसे आपके कागज न मांगे? पहले आप ही अपना CAA करवा लो। दिखाओ उस रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने के कागज, दिखाओ रेलवे द्वारा आपको व आपके पिताजी को रेलवे द्वारा चाय बेचने के लिए दिया गया टेंडर/ठेका/परमिशन के कागज।

 

मोदी जी रोजगार दो, अर्थव्यवस्था सुधारो, GDP बढ़ाओ, महिलाओं को अधिकार दिलवाओ, महिला हिंसा-अपराध बन्द करवाओ। विदेशों में भी बहुत थू-थू हो रही भारतीय लोकतंत्र को जिंदा रहने दो। एक बात और अगर भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी चाहते तो भारत में लोकतंत्र नही राजतंत्र होता, और सब घुइयां छिल रहे होते।