नगर पालिका विकासनगर में लगभग 2.38 करोड़ का टेंडर घोटाला

नगर पालिका विकासनगर में लगभग 2.38 करोड़ का टेंडर घोटाला

 

– शासन के निर्देश के बावजूद प्रशासन ने घोटालेबाज से ही करा दी जांच….

– मात्र 0.10 फ़ीसदी कम मूल्य पर किये थे टेंडर स्वीकृत….

– 40 फ़ीसदी टेंडर्स एक ही ठेकेदार को….

देहरादून। विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यालय में आज दिनांक- 08/11/19 दिन शुक्रवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिस दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा ने कहा कि, त्रिवेंद्र राज में घोटालेबाजों की जांच खुद घोटालेबाज ही कर रहे। बीते वर्ष 2017-18 में नगर पालिका, विकास नगर के अधिशासी अधिकारी ने चेहते ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर 2.38 करोड़ के 50 टेंडर्स को मात्र 0.10 फ़ीसदी कम मूल्य पर स्वीकृत कर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया था।

 

– मात्र तीन ठेकेदारों के इर्द-गिर्द ही हुए टेंडर संपन्न

पिन्नी ने वार्ता को जारी रखते हुए कहा हैरानी की बात यह है कि, उक्त 2.38 करोड़ के टेंडर्स मात्र 2,37,62, 927 रुपए में स्वीकृत किए गए। आश्चर्यजनक पहलू यह है कि, 40 फ़ीसदी टेंडर्स एक ही ठेकेदार को आवंटित कर दिए गए, तथा टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ तीन ठेकेदारों के मध्य कार्रवाई संपन्न हुई।अन्य विभागों में एक ओर जहां 20-50 फीसदी कम दर पर टेंडर्स स्वीकृत होते हैं, वही पालिका ने मात्र 0.10 फीसदी कम दर पर टेंडर स्वीकृत किए

 

उक्त घोटाले की जांच की मांग को लेकर जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव, शहरी विकास विभाग से जुलाई 2018 में आग्रह किया था, जिसके क्रम में शासन द्वारा माह जुलाई 2018 को निदेशक, शहरी विकास व जिलाधिकारी, देहरादून को जांच के निर्देश दिए थे। मोर्चा के प्रयास से जुलाई 2019 यानी, वर्ष बाद जांच प्रशासन को सौंपी गई।

मीडिया प्रभारी प्रवीण ने यह भी कहा कि, उक्त मामले में जिला प्रशासन ने स्वयं तथा किसी ईमानदार अधिकारी से जांच न कराकर खुद घोटालेबाज अधिशासी अधिकारी से जांच करवाई, यानी जिस अधिकारी के खिलाफ आरोप मोर्चा द्वारा लगाए गए थे, उसी भ्रष्ट अधिकारी को जांच अधिकारी बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।

इस मामले में अब मोर्चा शीघ्र ही शासन के अधिकारियों से मिलकर घोटालेबाज अधिकारी की जांच ईमानदार अधिकारी से कराए जाने की मांग करेगा।