सीएम की पत्नी द्वारा कर्मचारी आचरण नियमावली १९५६ का उल्लघंन
– आयोग ने दिए सूचना उप्लब्ध कराने के निर्देश….
देहरादून। मुख्यमंत्री की पत्नी के मामले में आयोग ने चलाया चाबुक, मामला बगैर विभागीय अनुमति के करोड़ों रूपये की भूमि खरीदने का है। श्रीमती रावत एक सरकारी शिक्षिका है। कैसे कर गयी इतनी बड़ी चूक। राजभवन/शासन के निर्देश पर भी विभाग नहीं कर रहा था कार्यवाही। सूचना आयोग ने दिये सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश। मोर्चा को मिली बड़ी सफलता। आज विकासनगर स्तिथ मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान नेगी ने इन सभी बातों को मीडिया के माध्यम से सबके सामने रखा।
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि, मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की धर्मपत्नी श्रीमती सुनीता रावत ने बिना विभागीय अनुमति के करोड़ों रूपये मूल्य की भूमि खरीदी थी। जिसको लेकर मोर्चा द्वारा राजभवन व शासन में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। राजभवन के निर्देश से जुलाई 2018 पर शासन ने शिक्षा निदेशालय को कार्यवाही के लिए निर्देश जारी किये थे, तथा उक्त निर्देश के क्रम में निदेशालय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, देहरादून को कार्यवाही के निर्देश जारी किये गये थे।
गौरतलब है कि, उक्त मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गयी थी, चूँकि मामला मुख्यमन्त्री की पत्नी का जो था, तथा श्रीमती रावत रायपुर ब्लाॅक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। सरकारी सेवक को भूमि/भवन इत्यादि खरीदने से पहले विभागीय अनुमति लेनी आवश्यक होती है। उक्त मामले में कोई कार्यवाही न होने से खफा होकर मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पीन्नी ने सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया।
आयोग में अपनी बात रखने से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी व निदेशक, शिक्षा से उक्त मामले में हुई कार्यवाही की जानकारी माँगी गयी, लेकिन इन अधिकारियों द्वारा वफादारी दिखाते हुए यह उल्लेख कर सूचना देने से इन्कार कर दिया कि ये उनकी (श्रीमती रावत) की व्यक्तिगत सूचना है। श्रीमती रावत द्वारा कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 का उल्लघंन किया गया था। उक्त मामले में मा० सूचना आयुक्त जे0पी0 ममंगाई ने गम्भीरता दिखाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी, देहरादून को 3 सप्ताह के भीतर सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
आज की पत्रकार वार्ता में जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज, जयकृत नेगी, प्रदीप कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।