सरकार के फैसले को भुगत रही जनता, देना पड़ रहा प्रदूषण जांच केंद्रों पर पहरा
देहरादून। देश में नए मोटर व्हीकल एक्ट के आते ही मानो देश की जनता में भूचाल सा आ गया हो। अखबारों व टीवी चैनल्स के माध्यम से सभी को यह देखने और सुनने को मिल रहा है कि, मोटर व्हीकल एक्ट अधिनियम के तहत नियमों का पालन न करने वालो के धड़ल्ले से चालान काटे जा रहे है। जिसके डर और खौफ से देश की जनता ने डीएल बनवाने हेतु आरटीओ, प्रदूषण करवाने हेतु प्रदूषण जांच केन्द्र और इन्शुरन्स करवाने हेतु इन्शुरन्स कंपनियों पर पहरा देना शुरू कर दिया है।
अगर बात करें उत्तराखण्ड प्रदेश की राजधानी देहरादून की तो देखा गया है कि, पिछले कुछ दिनों से जनता ने तड़के सुबह उठते ही देर रात तक प्रदूषण जांच केंद्रों पर पहरा लगाना शुरू कर दिया है। वाहनों का प्रदूषण करवाने के लिए टोकन लेकर 2-2 दिन तक भूखे-प्यासे लाइनों में खड़े नजर आ रहे है।
गौरतालब है कि, जियो और नोटबन्दी के बाद अब एक बार फिर ऐसा दृश्य राजधानी में देखने को मिला है, जहां प्रदूषण करवाने के लिए भी जनता को लंबी कत्तारों में लगना पड़ रहा है। सरकार को चाहिए था कि, मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने से पहले सभी विषयों की समुचित व्यवस्था करें। ततपश्चात नियम को लागू किया जाना था। जबकि, ऐसा नहीं हुआ। जिसका परिणाम राजस्थानी की जनता व अन्य लोग भी भुगत रहे हैं। क्योंकि, शहर के मुख्य जगहों पर प्रदूषण जांच केंद्रों के होने से जाम की स्थिति बन रही है।
बता दें कि, आईएसबीटी के समीप ओबरॉय मोटर्स में प्रदूषण जांच केंद्र के होने की वजह से वाहनों का प्रदूषण करवाने आए हुए लोग अपने वाहनों को सड़क के किनारे ही खड़ा कर रहे हैं। जिससे कि वहां जाम की स्थिति बन रही है। साथ ही रिस्पना पुल स्थित प्रदूषण जांच केंद्र में भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला है, और हरिद्वार बाईपास रोड पर भी प्रदूषण जांच केंद्र के होने से वहां खासा भीड़ जमा हो रही है।