सरकारी विभागों में गजब तमाशा, मुख्यमंत्री को पेश होने वाली खुफिया रिपोर्ट हुई लीक

सरकारी विभागों में गजब तमाशा, मुख्यमंत्री को पेश होने वाली खुफिया रिपोर्ट हुई लीक

– आबकारी के बाद पुलिस समीक्षा रिपोर्ट भी हुई लीक….

देहरादून। उत्तराखण्ड का आबकारी विभाग भी अब बेहाल है। क्योंकि, विभाग में बस शह-मात का खेल जो चल रहा है। इसकी बानगी इससे समझिए की मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के लिए तैयार रिपोर्ट भी बैठक से एक दिन पहले ही लीक हो जा रही है। बता दें कि, कुछ लोगों ने आबकारी विभाग को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बना दिया है।

 

कुछ लोग अपने फायदे के लिए विभाग की छीछालेदर करवाने से बाज नहीं आ रहे है। राजस्व के लिए तैयार की गई रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने रखे जाने से पहले ही कैसे हो गई लीक? क्या नहीं होनी चाहिए इसकी जांच? कौन है ऐसे विभीषण जो आबकारी विभाग के साथ-साथ त्रिवेन्द्र सरकार की भी करवा रहें है किरकिरी?

 

सूत्रों की माने तो विभाग के ही दो बड़े अधिकारियों की भूमिका खबर लीक करने को लेकर है संदिग्ध। आखिर रिपोर्ट को लीक करने के पीछे क्या है, इन अधिकारियों का मकसद। क्या रिपोर्ट लीक होने की नहीं होनी चाहिए जांच?अगर अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट लीक वाली बात सच है, तो क्या यह सेवा नियमावली का उलंघन नहीं है?

 

क्या शासन में इस पूरे प्रकरण की बडे स्तर पर निष्पक्ष जांच कराने का है दम या फिर रिपोर्ट लीक मामले में गांधारी की तरह आंखों में पट्टी बांध लेगा शासन।

 

उत्तराखण्ड में हो रहा गजब तमाशा

बरहाल आबकारी के बाद मुख्यमंत्री के सामने पेश होने वाली उत्तराखंड पुलिस की समीक्षा रिपोर्ट भी एक दिन पहले लीक हो गई। सोशल मीडिया में घूम रही है एक रिपोर्ट जिसके पहले पन्ने पर उत्तराखंड पुलिस माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा समीक्षा दिनांक 09 सितंबर 2019 लिखा हुआ है। साथ ही भीतर पूरे अपराध के आंकड़े, खुलासे और जुड़ी तमाम जानकारी भी दी हुई है।

 

आखिर कैसे हो रही हैं एक के बाद एक रिपोर्ट लीक?
क्या नहीं है किसी को सीएम खौफ? अगर सोशल मीडिया में घूम रही यह रिपोर्ट वाकई सही है तो कौन है विभाग के वो विभीषण जो विभाग की छवि को लगा रहे हैं पलीता? आखिर क्यों कर रहे हैं लीकेज?

 

मुख्यमंत्री जी अभी बहुत टाइम है, विभागों को कसिए चूड़ी, विभीषणों की कसिए लगाम, कीजिये कड़ी कार्रवाई, वरना बैठ जाएगा सिस्टम। आपकी साफ-सुथरी छवि को कर देंगे यह अधिकारी तार-तार।

 

आबकारी की तरह यहां भी यही सवाल है कि, आखिर क्यों कि गई है यह रिपोर्ट लीक? कौन हैं वो जो लगातार बने हुए हैं विभाग के विभीषण? अब तक तो जनपदों और मुख्यालय से सिर्फ होती थी खबरें लीक, मगर अब तो मुख्यमंत्री को पेश होने वाली रिपोर्ट लीक होने को लेकर ही चर्चाओं का बाजार हो गया है गर्म।

 

अगर सोशल मीडिया में घूम रही पुलिस की समीक्षा रिपोर्ट सही है, तो क्या हर मामले की तरह इस बार भी धृतराष्ट्र बना रहेगा पुलिस मुख्यालय, या भगवान कृष्ण की तरह सही को सही और गलत को गलत बता करेगा कार्रवाई? यही कुछ निम्न सवाल जो कुछ दिनों से हमारे समक्ष है अब देखना यह है कि, क्या सीएम की तरफ से हो पाएगी कुछ कार्यवाही या यूँही टालमटोली का खेल चलता रहेगा।