राजधानी में नगर निगम लगायेगा पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

राजधानी में नगर निगम लगायेगा पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध

देहरादून। राज्य में पाॅलीथीन पर प्रतिबंध लगेगा ऐसा हम सभी लोग काफी समय से सुनते आ रहे है। बता दें कि, पॉलीथिन का उपयोग इंसानों के लिए तो खतरा है ही, साथ ही आवारा पशुओं के लिए भी खतरा है। न जाने ऐसे कितने आवारा पशु पाॅलीथीन को खाने की वजह से आये दिन अपनी जान गंवाते हैं।

 

सभी नगर निगम व नगर पालिकाओं सहित प्रशासन की लाचार कार्यप्रणाली के चलते पाॅलीथीन पर प्रतिबंध लगना मानों एक जुमला बन कर रह गया है। क्योंकि, सभी लोग काफी समय से सुनते आ रहे हैं कि, पॉलीथिन पर प्रतिबंध लग गया है इस्तेमाल करने वालो पर जुर्माना भी लगाया जाएगा लेकिन आज भी धड़ल्ले से प्रदेश में पॉलीथिन का प्रयोग हो रहा है। नगर निगम की टीम गरीब सब्जी विक्रेता व दुकानदारों के चालान काट करके सोचती है कि, उनका काम पूरा हो गया। लेकिन सवाल यह है कि उन आकाओं पर प्रतिबंध क्यों नही लगता जो पॉलीथिन बना रहे है। खैर अब राजधानी में नगर निगम ने पाॅलीथीन पर प्रतिबंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। जल्द ही पाॅलीथीन पर प्रतिबंध लगाने की मुहीम को पूरे शहर भर में चलाया जाएगा।

 

पाठकों को बता दें कि, प्रदेश की राजधानी देहरादून का नगर निगम अब पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए युद्धस्तर पर काम करने जा रहा है। जबकि, पूरे राज्य में पॉलीथीन का इस्तेमाल करना एक वर्ष से अधिक समय से प्रतिबंधित है। कागजी कार्यवाही की प्रक्रिया तो काफी समय से चल रही है लेकिन धरातल पर कार्यवाही बिल्कुल शून्य है। क्योंकि, देहरादून व अन्य जगहों में अब भी धड़ल्ले से पॉलीथीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अब चिंता का विषय यह है कि, पॉलीथिन के इस्तेमाल की वजह से आवारा गायों की लगातार मौत हो रही है। आये दिन किसी न किसी जगह पर कोई न कोई पशु की मौत से सरकारी महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। जिस पर नगर-निगम देहरादून ने संज्ञान लेते हुए अब पॉलीथीन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए एक टीम बनाई है। बीते वर्ष करीब 30 जुलाई को प्रदेश में पॉलीथीन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था। बावजूद इसके उत्तराखण्ड़ शासन सचिवालय सहित सभी सरकारी विभागों में भी पॉलीथिन का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है।

 

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि, पिछले दिनों से कुछ गायों के मारे जाने के खबर सुनने को मिल रही थी, जब मरी हुई गायों का पोस्टमार्टम किया गया तो उनके पेट से लगभग 30 से 40 किलो पॉलीथीन निकला। इसलिए इस विषय पर संज्ञान लेते हुए तत्काल पूरे प्रदेश भर में अब पॉलीथिन को बंद करने की मुहिम चलाई जाएगी साथ ही पूर्णरूप से प्रदेश में पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद किया जाएगा। पॉलीथीन का सेवन सभी के लिए जानलेवा है चाहे पशु हो या इंसान। परन्तु अधिकारियों की हिलाहवाली और टालमटोल के कारण वश आज आवारा पशु पॉलीथिन खाने को मजबूर है।