जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश, देश में खुशी का माहौल…..
नई दिल्ली। एक अनुमान के मुताबिक पूरे भारतवर्ष में आज सभी के दिलों में खुशी की लहरें देखने को मिल रही है। बात अगर देहरादून की करें तो यहाँ भी लोग बेहद उत्साहित है। और कई जगह पर पटाखे फोड़ कर खुशी मनाई गई व मिष्ठान वितरण भी किया गया।
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश की। शाह ने अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश की। इसके अनुसार, जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया और अब लद्दाख भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। अमित शाह ने कहा कि, संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस सरकारी गैजेट को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड लागू नहीं होंगे। इसमें सिर्फ एक खंड रहेगा।इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है।
कई पार्टी व दलों ने इसका समर्थन किया तो कईयों ने इसका विरोध भी किया।
समर्थन:
नई दिल्ली में गृह मंत्री द्वारा जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किए जाने के बाद राज्य सभा में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। कुछ राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया तो कुछ राजनीतिक दलों व पार्टियों ने इसका विरोध भी किया। विधेयक के पेश होते ही बीजद सांसद प्रसन्न आर्चा ने कहा, हकीकत में आज जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बना है। मेरी पार्टी इसका समर्थन करती है, और हम क्षेत्रीय दल हैं लेकिन हमारे लिए राष्ट्र पहले है। वहीं बसपा के सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि, हमारी पार्टी की ओर से पूरा समर्थन है। हम चाहते हैं कि, यह विधेयक पारित हो जाए और हमारी पार्टी किसी भी तरह का विरोध नहीं दर्ज नहीं करेगी। लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने भी अपना समर्थन दिया और कहा कि, मैं लद्दाख के नागरिकों की ओर से विधेयक का समर्थन करता हूँ। जनता इसे केंद्र शासित क्षेत्र बनाना चाहती है। जो आज हो रहा है।
विरोध:
एमडीएमके नेता वाइको ने राज्य सभा में कहा,’मैं अनुच्छेद 370 का विरोध करता हूँ। यह शर्मिंदा होने का दिन है, यह लोकतंत्र की हत्या का दिन है। तो इसी क्रम में जेडीयू के सांसद केसी त्यागी ने कहा कि, हमारे प्रमुख नीतिश कुमार जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया व जार्ज फर्नांडीस की परंपरा को आगे ले जा रहे हैं। इसलिए पार्टी विधेयक का समर्थन नहीं करती है। हमारी सोच अलग है। हम नहीं चाहते हैं कि, अनुच्छेद 370 हटाया जाए। इसपर नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने विरोध जताते हुए कहा कि, इसके खतरनाक और गंभीर परिणाम होंगे। जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा हुआ है। शिवसेना के संजय राउत ने कहा,आज जम्मू कश्मीर लिया है। कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे। मुझे विश्वास है देश में प्रधानमंत्री अखंड हिंदुस्तान का सपना पूरा करेंगे।
गृहमंत्री अमित शाह ने सभी की बात सुनने के बाद कहा कि, यह पहली बार नहीं हुआ है, कांग्रेस ने भी 1952 और 1962 में इसी तरह अनुच्छेद 370 को संशोधित किया था।इसलिए जो विरोध कर रहे है वह कृपया मुझे बोलने दें और चर्चा करें, मैं आपके सभी शंकाओं को दूर करूंगा और सभी तरह के सवालों के जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि, अनुच्छेद 370 पर ये विधेयक ऐतिहासिक है। इसी कारणवश जम्मू व कश्मीर का भारत से जुड़ाव नहीं रहा। विपक्ष चाहे तो अनुच्छेद 370 को साधारण बहुमत से पारित करा सकते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, अनुच्छेद 370 के तहत तीन परिवारों ने सालों जम्मू कश्मीर को लूटा। इसे हटाने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए। हमें वोट बैंक नहीं बनाना है। भाजपा के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है।विपक्ष के लोग बेखौफ होकर चर्चा कर सकते है।