निकिता को अब नही छोड़ना पड़ेगा स्कूल : NAPSR

 

-निकिता को अब नही छोड़ना पड़ेगा स्कूल…..

देहरादून। नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने एक बार फिर से बच्चों के भविष्य की लड़ाई और उनकी पढ़ाई के विषय में जीत हासिल की। आपको मालूम होगा कि, राजपुर रोड़, देहरादून स्थित NIVH की कक्षा 8 मे पढ़ने वाली एक बच्ची निकिता जो कि, आंखों से कमजोर है, उसको पिछले साल आठवीं कक्षा में अनुत्तीर्ण कर दिया गया था।

 

निकिता के परिजनों के लाखों प्रयास के बावजूद स्कूल ने उसे अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया था। मजबूरी वश निकिता को उसी कक्षा में दुबारा पढ़ना पड़ा और इस साल उसे फिर से अनुत्तीर्ण कर दिया गया, और उसके परिजनों को उसकी स्थानान्तरण प्रमाणक (Transfer Certificate) के लिए बाध्य किया जा रहा था। तभी सोशल मीडिया के माध्यम से यह मामला NAPSR के संज्ञान मे आने के साथ ही उस ग्रुप के एक जागरूक सदस्य ने NAPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान से इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए अभिभावकों की मदद के लिए आग्रह किया।

 

उसी दिन बच्ची के पिता से सम्पर्क किया गया और सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान और सचिव धर्मेन्द्र ठाकुर द्वारा स्कूल प्रिंसिपल से सम्पर्क किया गया। किन्तु उस दिन वह और उनका सम्पूर्ण जिम्मेदार स्टाफ किसी मीटिंग में होने के कारण से परिणाम नही निकल सका। किन्तु अगले दिन दुबारा स्कूल जाकर बात करने पर CBSE के नियमो का हवाला, बच्ची का भविष्य खराब होने, एवं परिवार की आर्थिक स्थिति का हवाला देने पर स्कूल प्रसाशन ने आपस में मीटिंग कर विचार किया और अगले दिन एसोसिएशन को सूचित करने को कहा गया।

एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान द्वारा जब पुनः स्कूल में जाकर अमित शर्मा से सम्पर्क किया गया। संपर्क करने पर अमित ने बताया कि, आपका प्रयास सफल रहा और अब बच्ची को कक्षा 8 से कक्षा 9 में प्रोन्नत कर दिया गया है। NIVH स्कूल के अमित शर्मा ने कहा, जब आपकी एसोसिएशन किसी बच्चे के भविष्य के लिए इतना प्रयास कर रही है, तो थोड़ा फर्ज हमारा भी बनता है कि, उसका भविष्य खराब न हो और निकिता के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है कि, अब उन्हें अपनी बच्ची की स्थानान्तरण प्रमाणक (Transfer Certificate) लेने व उसे किसी और स्कूल में भेजने की आवश्यकता नही है।

 

निकिता अब दुबारा से उसी स्कूल में बड़ी कक्षा में पढ़ सकेगी। निकिता के पिता सतीश कुमार ने निकिता का साल बचाने व उनकी मदद करने के लिए एसोसिएशन का आभार जताया व धन्यवाद दिया।