देहरादून- सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग की दमनकारी नीतियों के विरोध में आज दिनांक 27/07/2019 को उत्तराखंड के लघु एवं मंझोले समाचार पत्र/पत्रिकाओं व न्यूज़ पोर्टल के पत्रकारों का आंदोलन सूचना निदेशालय में जारी रहा।आज भारी वर्षा को देखते हुए सूचना निदेशालय के परिसर में सूचना महानिदेशक की सदबुद्धि की कामना करते हुए वरिष्ठ पत्रकारों ने बुद्धि-शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया।
लगातार तीन दिनों से चलते हुए आंदोलन, धरना प्रदर्शन से लेकर के निदेशालय के गेट पर कल ताला तक जड़ा गया।पर निदेशालय के कानों में झूँ तक नहीं रिंगि। पत्रकारों को आश्वासन देते हुए कल सूचना विभाग के अधिकारियों ने ताला तो खुलवा लिया लेकिन आज स्तिथि वही ढाक के तीन पात नजर आई। क्योंकि, कागजी कार्यवाही तो करना आसान है पर अब जरूरत है धरातल पर कार्यवाही की।उत्तराखण्ड में पत्रकारो से समन्वय के उद्देश्य स्थापित सूचना व लोकसम्पर्क विभाग की वर्तमान से चल रही तानाशाही पूर्ण कार्यप्रणाली के विरोध में पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन आज इसीलिए तीसरे दिन भी जारी रहा।
सोचनीय विषय है कि, सूचना विभाग एक लंबे अरसे से राज्य के पत्रकारों के साथ पक्षपात कर रहा है। अपनी ही नीतियों को व्यक्तिगत लाभ के लिए तोड़ मरोड़ कर चला रहा है। उदाहरण के तौर पर सूचना विभाग की नियमावली के अनुसार हर साल नए समाचार पत्रों को सूचीबद्ध किया जाना था, लेकिन 5 वर्षों से नए पत्र/पत्रिकाओं की सूची बद्धता नहीं की गई है। इसी तरह से सूचना विभाग की एक और नियमावली के अनुसार हर 6 महीने में न्यूज़ पोर्टलों का एंपैनलमेंट किया जाना था। लेकिन सूचना विभाग अपनी मनमानी चलाए रखने के लिए पिछले 2 वर्षों से एंपैनल करने का कार्य बंद किए हुए बैठे हैं। पत्रकारों के द्वारा जवाब तलब करने पर विभागीय अधिकारियों की यही जवाबदेही रहती है कि, अभी मीटिंग नहीं बैठ रही है, परन्तु सूत्र बताते है कि, अंदरखाने सूचीबद्धता की गोटिया फेरी जाती है या जा रही है।
गत दिवस की छह घन्टे की सफल तालाबंदी के बाद आज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आम पत्रकारजनो ने सूचना निदेशालय के परिसर में वरिष्ठ पत्रकार जीत सिंह पैन्यूली के मंत्रोच्चार के बीच हवन यज्ञ को सम्पन्न किया।जिसमें पत्रकारजनो ने मंत्रोच्चार के बीच कहा कि, सूचना विभाग एवं महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट को सदबुद्धि मिले, इस कामना के साथ हवन कर पूर्णाहुति दी गई। राज्य हित में हिमालयी कान्क्लेव का विरोध करने का फैसला आज वापस लिया गया। हवन यज्ञ के पश्चात मसूरी में आयोजित होने वाले हिमालयी कान्क्लेव के दौरान विरोध प्रदर्शन करने की पूर्व घोषणा की समीक्षा की गई।
लघु एवं मँझोले पत्रकार इस बात से भी गुस्साए हुए हैं कि, सूचना विभाग आंध्र प्रदेश, केरल और पश्चिमी बंगाल सहित विदेशी पत्रिकाओं को भी लाखों, करोड़ों रुपए के विज्ञापन प्रदान कर रहा है। लेकिन उत्तराखंड से प्रकाशित समाचार पत्र/पत्रिकाओं को श्री देव सुमन के विशेष अवसर पर पिछले कई वर्षों से दिया जा रहा विज्ञापन भी नहीं दिया गया। जबकि यह नियमावली में स्पष्ट उल्लेख है कि, महापुरुषों तथा विशेष अवसरों पर दिए जाने वाले विज्ञापन किसी भी हालत पर रोके नहीं जायेंगे। पत्रकारों को गुस्सा सिर्फ इस बात पर है कि, बीते कई वर्षों से सूचना विभाग सरकार के इशारों पर चल रहा है, केवल चुनिंदा समाचार पत्र/पत्रिकाओं को ही नियम कायदे के विरुद्ध विज्ञापन जारी किये जा रहे है। लेकिन लघु एवं मँझोले समाचार पत्रों को नियमावली में स्पष्ट व्यवस्था के बावजूद भी विज्ञापन जारी नहीं किया जा रहा। आज बुद्धि- शुद्धि यज्ञ में मँझोले पत्रकारों का बस यही कहना था कि, यह एक कल्याणकारी सरकार से कतई अपेक्षित नहीं है, तथा यह उत्तराखण्डी प्रकाशनों के साथ सीधे-सीधे सौतेला पन है।
जिसमें लघु एवं मँझोले पत्रकारों ने मत व्यक्त किया कि, राज्य निर्माण आंदोलन में बढ-चढ कर भागीदारी करने वाले उत्तराखन्डी पत्रकार समुदाय नहीं चाहेगा कि, उत्तराखंड की छवि धूमिल हो। ऐसे किसी कार्य मे शिरकत या दखलंदाजी कदापि नहीं करेगा। पत्रकार समुदाय कभी नहीं चाहेगा कि, उत्तराखंड राज्य के मुख्या की छवि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सामने खराब हो। वरिष्ठ पत्रकारों ने मत व्यक्त किया कि, भले ही महानिदेशक द्वारा उत्तराखण्ड के पत्रकारों के हितों पर इस प्रकार कुठाराघात किया जाए, परन्तु वह ऐसा कोई कृत्य कदापि नहीं करेंगे।
ध्वनि मत से सभी ने इसमें अपनी सहमति प्रदान की।
कल रविवार को होने वाली बैठक में की जाएगी आगे की रणनीति तय सम्मानजनक निष्कर्ष न निकलने तक आंदोलन की धार बनाए रखने के उद्देश्य से आगे की रणनीति के लिए कल रविवार को अपरान्ह 4 बजे पत्रकारो की खुली बैठक आहूत की गई है। जिसके स्थान की सूचना सोशल मीडिया पर दे दी जाएगी।