को-ऑपरेटिव बैंकों की भर्तियों में हुई अनियमिताएं

दिनांक 3 जुलाई को उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के द्वारा जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से को-ऑपरेटिव बैंकों की भर्तियों में हुई अनियमिताओं के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से सरकार से परीक्षा के पुनः आयोजन तथा संपूर्ण प्रक्रिया में हुई अनियमिताओं की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।

 

संगठन प्रवक्ताओं ने बताया कि, सहकारी बैंकों में रिक्त 442 पदों पर भर्ती के लिए प्रदेश में परीक्षा का आयोजन हुआ। किन्तु परीक्षा से पूर्व परीक्षा हेतु आवेदन करने वाले 57500 परीक्षार्थिओं को सूचित किया गया कि, परीक्षा केंद्र प्रदेश से बाहर भी रखे गए हैं। जिसके चलते प्रदेश के हजारों परीक्षार्थिओं ने परीक्षा छोड़ दी जिसमें प्रदेश की कई बालिकाएं तथा आर्थिक रूप से कमजोर कई विधार्थी भी सम्मलित थे।

 

 

उच्च शिक्षा मंत्री महोदय द्वारा दिए गए एक बयान में कहा गया कि, ऑनलाइन एग्जाम के लिए व्यवस्था नहीं होने के चलते ये कदम उठाया गया। प्रशन यही है कि, यदि प्रदेश में ऑनलाइन एग्जाम की व्यवस्था नहीं है तो JEE / PMT / CLET / MET / CAT / JIPMR जैसी प्रतियोगिताओं की परीक्षाएं प्रदेश में ऑनलाइन कंडक्ट कराई जा रहे हैं। बाहरी प्रदेश में परीक्षा केंद्र बनाये जाने के चलते प्रदेश के विद्यार्थिओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

 

उन्होंने कहा कि, हाल में सभी के समक्ष उजागर हुआ कि रिजल्ट आने से पूर्व ही 2 नियुक्ति नियमो के विरुद्ध जाकर की गई। इस तरह की घटनाएं प्रदेश में परीक्षा की तैयारी करने वाले लाखों विद्यार्थिओं के सपनो तथा उम्मीदों पर कुठाराघात है। वो समस्त युवा जो अपने भविष्य को सुरक्षित करने हेतु दिन रात मेहनत कर प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं। यह उन समस्त बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा है। एक तरफ सरकार जीरो टोलेरेंस की बात करती है, वहीँ दूसरी तरफ इस तरह की घटनाएं सरकार की कथनी एवं करनी में साफ़ अंतर दिखाती हैं। इस तरह अनिमितताओं एवं कुशासन के चलते प्रदेश में व्यस्थाएं इन बत्तर हालात में पहुंच चुकी हैं जहाँ ना शिक्षा का उचित मॉडल है और ना ही युवाओं के हाथों में रोज़गार।

 

 

संगठन द्वारा प्रदेश सरकार से मांग की गई :
1) भर्ती में हुई अनियमिताओं के चलते संपूर्ण प्रक्रिया स्थगित कर पुनः पेपर का आयोजन प्रदेश में हो, ताकि वंचित रह गए हजारों विद्यार्थिओं को निष्पक्ष मौका मिले। 2) संपूर्ण प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच हो।
3) प्रदेश में सभी नौकरीओं की भर्ती में पारदर्शिता के लिए स्थाई जांच एजेंसी का गठन हो।

 

 

प्रदेश के आमजनमानस आपसे उम्मीद करता है कि, प्रदेश के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु आप सार्थक कदम उठाएंगे। इस मौके पर विलास गौड़, सतीश सकलानी, सुशील कुमार, संजय क्षेत्री, विशाल चौधरी, दीपक गैरोला, सरदार खान, आशीष नोटियाल, रामपाल, अंकित सिंह, विजेंद्र रावत इत्यादि उपस्थित रहे।