सात सन्यासी अखाड़ों की धर्म ध्वजा और पेशवाई की तारीख को लेकर मेला प्रशासन की तैयारियां पूरी

सात सन्यासी अखाड़ों की धर्म ध्वजा और पेशवाई की तारीख को लेकर मेला प्रशासन की तैयारियां पूरी

– पहले चरण में सन्यासी अखाड़े स्थापित करते हैं धर्म ध्वजा और निकालते हैं पेशवाई

रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। कुंभ शुरू होने में अब कुछ ही समय शेष बचा है। कुंभ मेले में अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धर्म ध्वजा और पेशवाई होती है। 6 सन्यासी अखाड़े और एक ब्रह्मचारी अखाड़े द्वारा शुभ मुहूर्त देखकर धर्म ध्वजा और पेशवाई की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इसको लेकर मेला प्रशासन भी अपनी तरफ से तमाम तैयारियां कर रहा है। जिससे कुंभ मेले में अखाड़ों को धर्म ध्वजा और पेशवाई निकालने में परेशानी का सामना ना करना पड़े। मेला प्रशासन द्वारा कल सभी अखाड़ों में धर्म ध्वजा की लकड़ियां पहुंचाई जाएगी।

जूना आवाहन और अग्नि अखाड़े की धर्म ध्वजा 3 मार्च को स्थापित की जाएगी और 4 मार्च को जूना और अग्नि अखाड़े द्वारा पेशवाई निकाली जाएगी। मगर अभी आवाहन अखाड़े द्वारा पेशवाई की तारीख का ऐलान नहीं किया गया है। निरंजनी और आनंद अखाड़े की धर्म ध्वजा 27 फरवरी को स्थापित की जाएगी। निरंजनी अखाड़े की पेशवाई 3 मार्च को होगी तो वही आनंद अखाड़े की पेशवाई 5 मार्च को निकाली जाएगी। महानिर्वाणी और अटल अखाड़े की धर्म ध्वजा 28 फरवरी को स्थापित की जाएगी। महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई 8 मार्च को होगी तो वही अटल अखाड़े की पेशवाई 9 मार्च को निकाली जाएगी।

महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी का कहना है कि, महानिर्वाणी अखाड़े की धर्म ध्वजा 28 फरवरी को होगी और पेशवाई जिसको नगर प्रवेश बोला जाता है, वो 8 मार्च को होगा। अटल अखाड़े की धर्म ध्वजा भी हमारे साथ ही स्थापित होगी। मगर पेशवाई 9 मार्च को होगी। क्योंकि 11 मार्च को शिवरात्रि का शाही स्नान है और यह सिर्फ सात संन्यासी अखाड़ों का ही शाही स्नान होता है। महानिर्वाणी के साथ में अटल अखाड़ा होता है, निरंजनी के साथ आनंद अखाड़ा होता है और जूना अखाड़े के साथ आवाहन और अग्नि अखाड़ा शाही स्नान करता है।

संन्यासी अखाड़ों द्वारा धर्म ध्वजा और पेशवाई की तारीखों का ऐलान करने के बाद कुंभ मेला प्रशासन द्वारा भी सभी तैयारियां की जा रही है। कुंभ मेला अधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि, कुंभ मेले अखाड़ों द्वारा धर्म ध्वजा और पेशवाई की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। अखाड़ों के संतों द्वारा धर्म ध्वजा की लकड़ियां देहरादून के छिडरवाला के जंगलों में चिन्हित की गई थी। उसको हमारे द्वारा अखाड़ों में लाने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही पेशवाई मार्ग को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इनका कहना है कि, कुंभ मेले का पहला चरण 9 मार्च तक पूरा हो जाएगा। इस चरण में सात संन्यासी अखाड़ों द्वारा अपने धर्म ध्वजा और पेशवाई निकाली जाएगी।

कुंभ मेले में धर्म ध्वजा और पेशवाई अखाड़ों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है और लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहती हैं। मगर इस बार कोरोना महामारी के कारण भव्य रुप से अखाड़ों की पेशवाई नहीं निकाली जाएगी। मगर पेशवाई का आकर्षण कम नहीं होगा।