सीबीआई के शिकंजे में फंसे हरदा
देहरादून। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले की जांच सीबीआई ने पूरी करके अपनी रिपोर्ट हाइकोर्ट में पेश कर दी है। 20 सितंबर 2019 को इस मामले में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल हाईकोर्ट में हरीश रावत की ओर से पैरवी करेंगे।
गौर देने की बात है कि, वर्ष 2016 में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर एक स्टिंग के सामने आने के बाद उत्तराखण्ड के सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई थी। एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत हरीश रावत की सरकार गिर गई थी और राज्यपाल ने हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी, और सीबीआई हरीश रावत को गिरफ्तार करने की फिराक में थी। हालांकि हाई कोर्ट ने हरीश रावत की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए हरीश रावत को जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए थे।
बता दें कि, इस बीच हरीश रावत की जांच सीबीआई से कराने के बजाय एसआईटी से कराने का फैसला लिए गया था, लेकिन हरक सिंह रावत ने इस फैसले को यह कहते हुए हाईकोर्ट में चैलेंज कर दिया था कि, राज्यपाल द्वारा संस्तुति किए जाने के बाद जांच एजेंसी बदल नहीं सकते। लिहाजा सीबीआई जांच करती रही और अब जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में जमा हो गयी है। दिलचस्पी का विषय है कि, हाई कोर्ट में 20 सितंबर को होने वाली सुनवाई से क्या परिणाम निकलता है।