प्राचीन छड़ी यात्रा को उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के लिए रवाना करने पहुंचे त्रिवेन्द्र
– यात्रा को बताया जनता की आस्था का प्रतीक
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज करीब 6 माह बाद हरिद्वार के दौरे पर रहे। शाम के समय हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के जूना अखाड़ा स्थित माँ माया देवी मंदिर पहुंच माँ माया देवी का आशीर्वाद लिया और जूना अखाड़ा की प्राचीन पौराणिक छड़ी का साधु संतों के साथ पूजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पवित्र छड़ी की आरती भी की। इस मौके पर उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, जूना अखाड़ा के हरिगिरि महाराज, प्रेमगिरि महाराज, भारी संख्या में साधु-संत और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्राचीन पवित्र छड़ी को उत्तराखंड के चारधाम की भ्रमण यात्रा पर रवाना किया।
आपको बता दें कि, जूना अखाडे द्वारा प्राचीन काल से इस छड़ी यात्रा को निकला जाता है। मगर पिछले करीब 70 सालों से यह छड़ी यात्रा किन्ही कारणों से बंद हो गई थी। प्राचीन समय से यह छड़ी यात्रा बागेश्वर से निकली जाती थी, करीब दो साल पहले जूना अखाड़ा के हरिगिरि महाराज ने मुख्यमंत्री से इस प्राचीन छड़ी यात्रा को दुबारा शुरू करने की अनुमति मांगी थी और इस प्राचीन छड़ी को हरिद्वार लाकर स्थापित कर दिया था। पिछले साल सरकार की अनुमति मिलने के बाद इस छड़ी यात्रा को दुबारा शुरू किया गया है और इस बार दूसरे वर्ष भी त्रिवेंद्र रावत ने इस छड़ी यात्रा को उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए रवाना किया है।
प्राचीन छड़ी यात्रा को उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के लिए रवाना करने पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि, छड़ी यात्रा के शुभारंभ का यह दूसरा वर्ष है। यह एक प्राचीन परंपरा है। पूर्व के कई वर्षों से यह छड़ी यात्रा किन्ही कारणों से बंद थी, इसको दुबारा शुरू किया गया है। उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 दिन यह छड़ी यात्रा चलेगी और इस यात्रा के माध्यम से सभी का मंगल हो ऐसी हमारी कामना है। यह यात्रा सभी को जोड़ने का कार्य करेगी। उत्तराखंड के सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद सभी लोगो को मिले यह भी हमारी कामना है। यह धार्मिक यात्रा आस्था और विश्वास है जो लोगो को जोड़ने का कार्य करती है।
इस पौराणिक प्राचीन छड़ी यात्रा के उत्तराखंड भ्रमण से जहां उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके उत्तराखंड में पर्यटक भारी संख्या में पहुचेंगे। तो वहीं यह पौराणिक प्राचीन पवित्र छड़ी यात्रा उत्तराखंड वासियों की आस्था और विश्वास भी है। यह प्राचीन छड़ी यात्रा उत्तराखंड के लोगो को एक सूत्र में जोड़ने का कार्य भी करेगी।